श्योपुर : करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी श्योपुर जिले में आज भी कई गांव हैं, जहां मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक नही हैं या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं.ऐसा ही एक मामला विजयपुर विधानसभा के बिचपुरी गांव से सामने आया है, जहां लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बदहाल स्थिति में श्मशान घाट
बिचपुरी के श्मशान घाट में गांव वालों को प्लास्टिक का तिरपाल लगाकर उसी के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा. अंतिम संस्कार की ये तस्वीरें शर्मिंदा करने वाली और इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं.श्मशान घाट में मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव दिखाई दे रहा है.जिस जगह पर अंतिम संस्कार होता है, वहां छांव तक नहीं है.बारिश या धूप से बचने के लिए टीनशेड की कोई व्यवस्था नहीं है.
बारिश में हुआ अंतिम संस्कार
ग्रामीण के निधन के बाद जब लगातार बारिश हो रही थी, तो परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.मजबूरन, उन्हें चारों ओर से प्लास्टिक का तिरपाल लगाकर उसी के नीचे चिता जलानी पड़ी। दुखद यह रहा कि जब चिता से आग की लपटें उठीं तो तिरपाल भी जल गया, जिससे परिजनों को और भी परेशानी हुई और उन्हें बरसते पानी के बीच बड़ी मुश्किल से अंतिम संस्कार पूरा करना पड़ा.
ग्रामीण क्षेत्रों में बने ज्यादातर श्मशानों की स्थिति ऐसी ही है.
बिचपुरी के श्मशान घाट में न तो पक्की सड़क है, न पानी की व्यवस्था और न ही बिजली की.बैठने के लिए कुर्सियां जैसी मूलभूत सुविधाएं तो दूर की बात है.यहां तक कि शव दाह के लिए बने प्लेटफार्म पर टीनशेड की चादरें भी नहीं लगाई गई हैं.ऐसे में बारिश के मौसम में ग्रामीणों को खुले आसमान के नीचे तिरपाल लगाकर शव दाह करना पड़ता है.ग्राम पंचायत ने भी इस संबंध में कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं.
एसडीएम बोले वीडियो देखा है जांच करवा रहें है
विजयपुर एसडीएम अभिषेक मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बिचपुरी गांव का जो वीडियो वायरल हुआ है.मैने भी देखा जनपद सीईओ से बात कर ली है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.