तिरपाल के नीचे दाह संस्कार, मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर – CREMATION UNDER TARPAULIN

बेमेतरा: बेमेतरा में नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम मनोधरपुर से मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जो शासन-प्रशासन के विकास के तमाम दावों पर सवाल खड़े करती है. बारिश के बीच गांव की एक महिला की अंतिम यात्रा तब और भी दु:खद बन गई, जब मुक्तिधाम में शेड नहीं होने के कारण शव को तिरपाल से ढक कर अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करनी पड़ी.

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गांव के मुक्तिधाम में शेड भी नहीं: घटना मंगलवार की है. जब मनोधरपुर में रहने वाली बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. महिला की जब मौत हुई, उस समय जिले सहित पूरे दुर्ग संभाग में लगातार बारिश का दौर था. ऐसे में परिजनों और रिश्तेदारों को महिला के अंतिम संस्कार की चिंता सता रही थी, क्योंकि गांव में मुक्तिधाम के नाम पर एक खुला मैदान है. बारिश होने पर दाह संस्कार के लिए एक शेड तक नहीं है.

तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार: बारिश के बीच गांव वाले बुजुर्ग महिला का शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे. वहां तिरपाल लगाया गया. बारिश से बचने के लिए शव और दाह संस्कार का सामान भी तिरपाल के नीचे रखा गया. उसके बाद महिला का अंतिम संस्कार पूरा हुआ. यह दृश्य परिजनों की पीड़ा के साथ-साथ क्षेत्र में विकास की सच्चाई भी बयां करता है.

कलेक्टर ने मनोधरपुर के लिए मुक्तिधाम किया स्वीकृत: नवागढ़ ब्लॉक के कई गांवों में मुक्तिधाम में शेड नहीं है, जिससे बारिश के दिनों में गांव वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इस बारे में जब जिले के कलेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया, ”जिले में लगभग 700 गांव है. लगातार गांव में मुक्तिधाम स्वीकृत किए जा रहे हैं. हमारा प्रयास है कि सभी गांवों में चरणबद्ध तरीके से मुक्तिधाम और वहां शेड बनाए जा रहे हैं. मनोधरपुर के लिए भी मुक्तिधाम स्वीकृत किया जाएगा.”

पिछले साल चमारी में खुले में हुआ था अंतिम संस्कार: पिछले वर्ष भी जिले के ग्राम चमारी में ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसे ETV भारत पर प्रमुखता से दिखाया गया था. जिसके बाद कलेक्टर ने वहां तत्काल अंतिम संस्कार के लिए राशि स्वीकृत की थी, वैसे ही तस्वीर अब मनोधरपुर से गांव में सामने आई है.

 

 

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