गुजरात में क्रिकेट सट्टेबाजी कांड में स्टेट मॉनिटरिंग सेल (SMC) को बड़ी सफलता मिली है. टीम ने मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड हर्षित जैन को दुबई से गिरफ्तार कर लिया है. हर्षित जैन लंबे समय से फरार था और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस और दुबई पुलिस की मदद से उसे डिपोर्ट कर भारत लाया गया है.
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला 2200 करोड़ रुपये से अधिक के क्रिकेट सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़ा है. मार्च 2023 में अहमदाबाद पुलिस क्राइम ब्रांच (PCB) ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया था.
दुबई से गिरफ्तार हुआ हर्षित जैन
सुमिल कॉम्प्लेक्स में छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये से जुड़े दस्तावेज और उपकरण बरामद किए गए थे. इसमें 7 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 536 चेकबुक, 538 डेबिट कार्ड, 14 पीओएस मशीन, 193 सिम कार्ड, सात पैन कार्ड, 83 कंपनी के सिक्के, 20 डिजिटल सिग्नेचर डिवाइस और 3.38 लाख रुपये नकद जब्त किए गए थे.
2200 करोड़ रुपये का घोटाला
जांच में सामने आया कि हर्षित जैन ने दीपक ठक्कर से एक मास्टर आईडी ली थी. इसी आईडी के जरिए 2200 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन हुआ. इतना ही नहीं, हर्षित जैन महावीर एंटरप्राइजेज के नाम से पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था. इस मामले में अब तक 35 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
हर्षित जैन की गिरफ्तारी के बाद अब जांच के तार भारत के सबसे बड़े सट्टेबाज महादेव बुकी यानी सौरभ चंद्राकर और अमित मजीठिया तक पहुंच सकते हैं. यह दोनों दुबई से ही बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी नेटवर्क चला रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, अब अन्य बड़े सट्टेबाजों की गिरफ्तारी भी संभव है और विदेश में बैठे कई आरोपियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरूकर दी गई है.