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अनजान लड़की की कॉल, फेक पुलिसवाले और लाखों की लूट… हनी ट्रैप में फंसे एक डॉक्टर की कहानी

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को फर्जी पुलिसकर्मियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. ये गिरोह बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में हनी ट्रैप लगाकर लोगों से पैसे ऐंठने का काम करता था. आरोपियों के पास से दिल्ली पुलिस के तीन फर्जी पहचान पत्र और हेड कॉन्स्टेबल रैंक की वर्दी भी बरामद की गई है.

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अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संजय भाटिया ने बताया कि आरोपियों की पहचान तिलक नगर निवासी नीरज त्यागी उर्फ धीरज उर्फ धीरू (42), कराला निवासी आशीष माथुर (31) और खरखौदा निवासी दीपक उर्फ साजन (30) के रूप में हुई है. उनको बुध विहार नाला, मेन कंझावला रोड के पास से गिरफ्तार किया गया है.

एसीपी ने बताया कि आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच ऑफिस ले जाया गया. वहां से उन्होंने हिरासत से भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया. द्वारका जिले के बिंदापुर में हनी ट्रैप मामले में नीरज और दीपक की तलाश थी. उनके खिलाफ कई थानों में अलग-अलग केस दर्ज हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने एक केस के बारे में बताया कि अगस्त 2024 में 60 वर्षीय डॉक्टर से एक अज्ञात लड़की ने फोन पर संपर्क किया. उसने डॉक्टर से बातचीत करनी शुरू कर दी. कुछ दिनों बाद लड़की ने डॉक्टर को अपने घर बुलाया. उनसे कहा कि उसकी मां बीमार है. डॉक्टर लड़की के पते पर चला गया.

वो पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन के पास स्थित उसके घर पहुंचे. वहां ने डॉक्टर को नाश्ता परोसा. इसी बीच लड़की ने डॉक्टर की शर्ट के बटन खोल दिए. तभी पुलिस की वर्दी में दो लोगों सहित चार लोग कमरे में घुस गए. इसके बाद लड़की भाग गई. उसके जाते ही चारों लोगों ने डॉक्टर को पकड़ लिया.

आरोपियों ने डॉक्टर को आपराधिक मामले में फंसाकर गिरफ्तार करने की धमकी देकर उनसे 9 लाख रुपए वसूल लिए. इस घटना के बाद पीड़ित ने बिंदापुर की स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना दी. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करके चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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