केराकत : अपराध और अपराधियों पर जहाँ पुलिस अंकुश लगाने का दम्भ भरते हुये उच्चाधिकारियों से अपनी पीठ थपथपा रही है वही क्षेत्र में आये दिन हो रही गोलिबारी से दहशत का माहौल साफ नजर आ रहा है.
युवाओ में बढ़ते अपराध के क्रेज और अवैध हथियारों के शौक ने प्रशासन के सामने नई चुनौती ख़डी कर दिया है. युवाओ के शौक के चलते इन दिनों अवैध हथियारों का बाजार खूब फल फूल रहा है. युवा अपराधियों द्वारा अवैध हथियारों से बैध कारतूस मामूली कहा सुनी के दौरान दागे जा रहे है, जो पुलिस के इक़बाल पर सवाल उठा रहे है.
गौरतलब है कि विगत एक जनवरी को नव वर्ष की पार्टी के दौरान अखईपुर दलित बस्ती में हुये मामूली विवाद में मनबढ़ लड़कों ने दरवाज़े पर चढ़कर बीसो राउंड फायर झोंक दिया, गनीमत रही की किसी को गोली नहीं लगी.
भागते समय बदमाशों की एक रिवाल्वर भी मौके पर गिर गयी जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया. वही जनवरी महीने की आखिरी तारीख को क्षेत्र के प्रतिष्ठित गणेशराय इंटर कॉलेज पर प्री बोर्ड की परीक्षा देकर कैम्पस से बाहर आये छात्र आदर्श सिंह पर युवा अपराधियों ने अवैध असलहे से जमकर फायरिंग कर दिया, गोली लगने से आदर्श बुरी तरह घायल हो गया.
जिसे संवेदनशील अवस्था में ट्रामा सेंटर वाराणसी में भर्ती कराया गया. सवाल यह उठता है कि इन अवैध हथियारों में इस्तेमाल होने वाला कारतूस कहा से आता है. इस सवाल के जबाव में नगर के प्रतिष्ठित गन हाउस संचालक विकास सिंह ने कहा कि शासन की नियमावली और प्रशासनिक अधिकारियों के निगरानी में ही सभी गन हाउस संचालक शस्त्र धारकों को जरूत पड़ने पर खोखा जमा करने के साथ ही कारतूस विक्रय किया जाता है.
वही समय समय पर प्रशासनिक अधिकारी गन हाउस पर आकर विक्री रजिस्टर पर बेचीं गयी कारतूस और बचे हुये स्टाक की जांच करते है. वही अब शस्त्र धारक द्वारा ख़रीदे गये कारतूस का क्या कर रहे, इसका गन हाउस संचालक से कोई लेना देना नहीं है. सरकार को चाहिए कि शस्त्र धारकों द्वारा खरीदे गये कारतूस और टेस्ट फायर किये गये कारतूस का खोखा के बारे में सटीक जानकारी रखे. तभी अवैध हथियारों से बैध कारतूस की फायरिंग पर लगाम लगेगी.