ब्रिटेन के लेस्टर शहर में इस साल दीपावली के भव्य आयोजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. शहर की सबसे बड़ी पहचान मानी जाने वाली इस दिवाली को लेकर अधिकारियों ने आतिशबाजी और मंचीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मंजूरी नहीं दी है. वजह बताई गई है पब्लिक सेफ्टी.
20 अक्टूबर को बंद रहेगा सड़कों पर ट्रैफिक
लेस्टर सिटी काउंसिल ने पुष्टि की है कि इस साल भी बेलग्रेव रोड पर मशहूर ‘गोल्डन माइल’ जगमगाएगा और 20 अक्टूबर को सड़कों पर ट्रैफिक बंद रहेगा लेकिन इस बार आतिशबाजी नहीं होगी, न ही मंच पर कोई शो होगा और न ही दिवाली विलेज लगेगा जिसमें खाने-पीने के स्टॉल और मेले का मजा रहता था.
ये फैसला शहर की सेफ्टी एडवाइजरी ग्रुप (SAG) की सिफारिश के बाद लिया गया है. इस ग्रुप में काउंसिल, पुलिस और इमरजेंसी सेवाओं के लोग शामिल हैं. पिछले साल यहां करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे, जिससे सुरक्षा चिंता का विषय बनी थी. बेलग्रेव बिजनेस एसोसिएशन ने आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अलग प्रस्ताव दिया था, लेकिन SAG ने उसे भी खारिज कर दिया. मेयर पीटर सोल्सबी ने निराशा जताई और कहा कि समुदाय के सुझाव संभव थे, लेकिन फिर भी उन्हें ठुकरा दिया गया.
सांसद शिवानी राजा ने जताई आपत्ति
लेस्टर ईस्ट से सांसद शिवानी राजा ने इस फैसले को गलत बताया और कहा कि दीपावली ‘खतरे में’ है. उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा कि हमारी दिवाली अब भी खतरे में है, हमारे जश्न पर संकट मंडरा रहा है.
राजा ने आगे लिखा कि लेस्टर की दिवाली दुनिया में भारत के बाहर सबसे बड़ी है और हमारे शहर का मुख्य आकर्षण है. लेकिन अब काउंसिल सुरक्षा के नाम पर इसे सीमित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने लेस्टरशायर पुलिस प्रमुख को पत्र लिखा है और यूके सरकार के डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट मंत्रालय से भी मदद मांगी है.
पिछली दिवाली पर विवाद
ये पहला मौका नहीं है जब यूके में दिवाली विवादों में घिरी है. पिछले साल पीएम कीर स्टार्मर के दौर में 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर हुई दिवाली रिसेप्शन में नॉन-वेज स्नैक्स और शराब परोसी गई थी. हिंदू, सिख और जैन समुदाय ने इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया था. सांसद शिवानी राजा ने तब भी स्टार्मर को पत्र लिखकर कहा था कि मेन्यू धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुकूल नहीं था. उन्होंने भविष्य में गाइडेंस देने की पेशकश भी की थी.
इसके बाद आलोचना बढ़ने पर डाउनिंग स्ट्रीट ने माफी मांगी और भविष्य में संवेदनशीलता बरतने का आश्वासन दिया.
बदलते हालात और लेस्टर का महत्व
साल 2021 की जनगणना के अनुसार, इंग्लैंड और वेल्स में पहली बार ईसाई आबादी 50% से नीचे गई. मुस्लिम आबादी बढ़कर 65 लाख (6.5%) हो गई, जबकि हिंदुओं की संख्या 1.7% है. लेस्टर में हालांकि हिंदू आबादी करीब 18% है और यहीं की दिवाली दुनिया भर में मशहूर है.
लेस्टर का साम्प्रदायिक इतिहास
लेस्टर में 2022 में भारत–पाकिस्तान एशिया कप मैच के बाद हिंदू–मुस्लिम झड़पें भी हो चुकी हैं. सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने तनाव बढ़ा दिया था और 40 से ज़्यादा गिरफ्तारियां हुई थीं. बाद में नेताओं को शांति की अपील करनी पड़ी थी.
अमेरिका में उल्टा माहौल
जहां लेस्टर में दिवाली सीमित की जा रही है, वहीं अमेरिका में इसका दायरा बढ़ रहा है. साल 2024 में पेनसिल्वेनिया ने दिवाली को स्टेट हॉली-डे घोषित किया. न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और टेक्सास पहले ही इसे मान्यता दे चुके हैं. कई स्कूल डिस्ट्रिक्ट भी दिवाली पर छुट्टी दे रहे हैं. यानी, जहां अमेरिका दिवाली को गले लगा रहा है, वहीं लेस्टर में इसे सीमित किया जा रहा है. अब देखना ये होगा कि काउंसिल त्योहार से पहले अपने फैसले पर दोबारा विचार करती है या नहीं.