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मंदसौर में संतरे के बगीचे में चल रहा था करोड़ों का काला कारोबार, सेटअप देख अधिकारियों के उड़े होश

मंदसौर: सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) की टीम ने मंदसौर में एक ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी पर नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने सोमवार देर रात छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. टीम को मौके से एमडी ड्रग्स बनाने के कई केमिकल और उपकरण सहित भारी मात्रा में एमडी ड्रग्स भी मिला है. साथ ही एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

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संतरे के बगीचे में चल रही थी फैक्ट्री

मंदसौर में नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. इसी कड़ी में सोमवार को खुफिया सूत्रों से सीएनबी टीम को जानकारी मिली थी कि जिले के गरोठ तहसील के खारखेड़ा गांव में मादक पदार्थ बनाने की अवैध फैक्ट्री चल रही है. फैक्ट्री एक संतरे के बगीचे के बीचों बीच स्थित थी. अधिकारी जब वहां पहुंचे तो सेटअप देखकर हैरान रह गए.

तस्करों ने बगीचे की बीच में ड्रग्स बनाने का पूरा सेटअप तैयार कर रखा था. सीएनबी की टीम ने मौके से भारी मात्रा में एमडी ड्रग्स बनाने का केमिकल, मशीनरी और एमडी ड्रग्स बरामद किया. मौके से एक आरोपी युवक को भी गिरफ्तार किया है.

एक दिन में बनता था 50 किलो से अधिक एमडी ड्रग्स

आरोपी युवक से जब अधिकारियों ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने बताया कि जमीन में भी ढेर सारे केमिकल छिपाकर रखे हुए हैं. टीम ने उसके बताए हुए स्थान पर खुदाई करवाई तो वहां से भी भारी मात्रा में केमिकल मिला. बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में एक दिन में 50 किलोग्राम से अधिक एमडी ड्रग्स बनाया जाता था. नारकोटिक्स के अधिकारियों ने वहां मौजूद सारे उपकरण, रसायन और एमडी ड्रग्स को जब्त कर लिया और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के बाद कई और आरोपियों का नाम सामने आ सकता है.

जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

नारकोटिक्स टीम की छापामार कार्रवाई की खबर सामने आने के बाद राजनीति शुरू हो गई है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट कर एमपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जीतू पटवारी ने अपने पोस्ट में लिखा, “भोपाल के बाद गरोठ में भी एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री मिलना सबूत है कि मध्य प्रदेश सरकार ने शराब की तरह ‘ड्रग्स-माफिया’ को भी ‘मंजूरी’ दे दी है!” उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग करते हुए लिखा है कि “धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध का बयान देकर, आप ध्यान भटका रहे हैं, बड़े गुनाह छुपा रहे हैं? क्या ये फैक्ट्री भी ‘सरकारी-संरक्षण’ में चल रही थी?”

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