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साल के पहले दिन भगवान राम का आशीर्वाद लेने अयोध्या में भक्तों का तांता, देखें VIDEO

दुनिया ने साल 2024 को गुडबाय करते हुए न्यू ईयर (2025) का पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ इस्तकबाल किया है. यह वक्त जश्न मनाते हुए, अतीत को पीछे छोड़ने और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद के साथ आगे बढ़ने का है. नए साल की शुरुआत के साथ ही, देश भर के मंदिरों और घाटों पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु उमड़ पड़े और इस मौके को आध्यात्मिक उत्साह और खुशी के साथ सेलिब्रेट कर रहे हैं. शंखों की मधुर आवाज, पूजा की घंटियों की लयबद्ध झंकार और मंत्रों से वातावरण गूंज उठा, जिससे माहौल बिल्कुल जश्न वाला बन चुका है.

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कई श्रद्धालु सुबह-सुबह ही एकत्र हुए, कई लोगों ने ठंड के बावजूद पूजा-अर्चना की और आने वाले साल में समृद्धि, खुशी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगा. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में साल 2025 के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने के लिए श्री राम जन्मभूमि मंदिर आए.

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 2025 की पहली सुबह की शुरुआत एक विशेष आरती के साथ हुई, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए. मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जहां लोग देवी दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र हुए.

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आधी रात से ही श्रद्धालुओं की असाधारण भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की, पवित्र मंदिर में मत्था टेका और पवित्र कुंड में स्नान किया. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नदी के किनारे विशेष गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल हुए और गंगा किनारे इस मनमोहक अनुष्ठान को देखने के लिए एकत्र हुए. 2025 के पहले दिन वाराणसी के अस्सी घाट पर गंगा आरती का आयोजन हो रहा है.

नए साल पर बर्फबारी की दस्तक

नए साल (2025) पर सर्दी और ज्यादा सताने वाली है. एक तरफ पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है तो वहीं मैदानों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में काफी बर्फबारी देखी जा रही है तो वहीं, राजधानी दिल्ली, लखनऊ, पटना, भोपाल सहमेत पूरे उत्तर भारत में भीषण ठंड का प्रकोप देखा जा रहा है.

तीन जनवरी तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की और छिटपुट बारिश या बर्फबारी हो सकती है. इसके बाद 4 से 6 जनवरी तक इस क्षेत्र में भारी वर्षा या बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है. 5 जनवरी को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फाराबाद क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के आसार हैं. यह डिस्टरबेंस पूर्वी अफगानिस्तान के निचले ट्रोपोस्फेरिक स्तरों में साइक्लोनिक सरकुलेशन के रूप में सक्रिय है.

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