बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ के एक हेड कांस्टेबल की अपने सर्विस हथियार से कथित तौर पर खुद को गोली मारने से मौत हो गई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना भैरमगढ़ में सीआरपीएफ की 199वीं बटालियन के मुख्यालय में हुई. हेड कांस्टेबल पवन कुमार जब एक वॉच टावर पर तैनात थे तो उन्होंने अपनी एके-47 राइफल खुद पर तान ली. गोलियों की आवाज सुनकर उनके सहकर्मी वहां पहुंचे और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबेल ने की खुदकुशी: पुलिस ने बताया कि हेड कांस्टेबल कुमार के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि किस वजह से उन्होंने यह कदम उठाया. पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को हरियाणा के रेवाड़ी स्थित उनके पैतृक स्थान भेज दिया गया है.
सर्विस रायफल से मारी खुद को गोली: इससे पहले 18 अक्टूबर को त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के एक जवान ने कोरबा जिले में कोयला खदान में सुरक्षा ड्यूटी के दौरान अपने सर्विस हथियार से खुद को गोली मार ली थी. वहीं 14 सितंबर को 44 वर्षीय सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल ने सुकमा जिले में अपने कैंप में खुदकुशी की थी. सशस्त्र सीमा बल के एक कांस्टेबल ने 3 सितंबर को कांकेर जिले में खुदकुशी की, वहीं 27 अगस्त को दुर्ग जिले में एक अन्य एसएसबी जवान ने खुदकुशी की.
पूर्व में भी जवान कर चुके हैं आत्महत्या
26 अगस्त को दंतेवाड़ा जिले में सीआरपीएफ के एक हेड कांस्टेबल ने अपनी सर्विस राइफल से खुदकुशी की थी. वहीं 20 जून को कांकेर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान ने भी यह कदम उठाया था.
18 अक्टूबर को त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के एक जवान ने कोरबा जिले में एक कोयला खदान में सुरक्षा ड्यूटी के दौरान अपनी सर्विस राइफल से कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी.
14 सितंबर को सुकमा जिले में अपनी यूनिट के कैंप में 44 वर्षीय सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल ने खुदकुशी कर ली.
कांकेर जिले में सशस्त्र सीमा बल के एक कांस्टेबल ने कथित तौर पर 3 सितंबर को खुदकुशी कर ली.
दुर्ग 27 अगस्त को एसएसबी जवान ने आत्महत्या कर ली.
26 अगस्त को दंतेवाड़ा जिले में सीआरपीएफ के एक हेड कांस्टेबल ने कथित तौर पर अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली
20 जून को कांकेर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान ने सुसाइड कर लिया.