नॉर्मली हमें कुछ फ्री मिलता है, तो हम खुश ही होते हैं. भारत में ये मार्केटिंग का पैटर्न है. किसी भी सामान के साथ कुछ फ्री मिल जाए तो लोगों का ध्यान उसी तरफ जाता है. जैसे सब्जी लेने जाओ तो धनिया-मिर्चा फ्री में मिल जाता है. ये भी ऐसी ही मार्केटिंग का पैटर्न है. लेकिन बेंगलुरु के एक शख्स को ये तरीका खास पसंद नहीं आया.
बेंगलुरु के एक प्रोडक्ट डिजाइनर को फ्री टमाटर मिलने पर कुछ खास खुशी नहीं हुई. उन्होंने इसे ‘डार्क पैटर्न’ करार दिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की गई उनकी पोस्ट वायरल हो रही है. उन्होंने स्विगी इंस्टामार्ट पर आरोप लगाया कि बिना उनकी मर्जी के ऑर्डर में 500 ग्राम टमाटर मुफ्त में जोड़ दिए गए, जिसे हटाने का कोई विकल्प नहीं था.
चंद्र रामानुजन नामक इस डिजाइनर ने अपनी पोस्ट में लिखा-चाहे इसके लिए पैसे नहीं देने पड़े, फिर भी यह डार्क पैटर्न है. उनकी इस पोस्ट को 68,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है. सोशल मीडिया पर इसमें लोगों के रिएक्शन भी दिये हैं.
Very bad design in Swiggy Instamart, where an item is automatically added to my cart. I don’t want tomatoes but I cannot remove it from my cart. Even if I am not paying for it, this is basket sneaking which is a dark pattern. pic.twitter.com/9mRpqqexWL
— Bengaluru man (@NCResq) October 12, 2024
कुछ लोग इस बात से हैरान थे कि फ्री चीजों को भी डार्क पैटर्न कैसे माना जा सकता है, तो वहीं कई लोगों ने उनकी बात से सहमति जताई. एक यूजर ने लिखा-मुझे कुछ नहीं चाहिए, लेकिन यह फिर भी आ रहा है, फर्क नहीं पड़ता कि यह मुफ्त है.
दूसरी ओर, कुछ यूजर्स ने कहा कि इस तरह के ऑफर का डिसीजन कस्टमर के हाथ में होना चाहिए. मुफ्त में कुछ भी पेश करें, लेकिन ग्राहक को यह चुनने का अधिकार होना चाहिए कि उसे लेना है या नहीं. इस मामले ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है कि क्या फ्री चीजें भी जबरदस्ती ग्राहक के सामने पेश की जा सकती हैं.