डोंगरगढ़ में साइबर क्राइम रैकेट का खुलासा: मोबाइल दुकानदार निकला मास्टरमाइंड, प्रदेश से विदेश तक फैला फर्जी सिम का जाल

Dongargarh Cyber Crime Racket: डोंगरगढ़ के रेलवे चौक स्थित ‘अज्जू मोबाइल’ के मालिक अजय मोटघरे की गिरफ्तारी ने पूरे शहर को चौंका दिया है. रोजाना सिम कार्ड और मोबाइल रिचार्ज बेचने वाला यह दुकानदार करोड़ों रुपये के अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध में शामिल पाया गया.

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जैसे ही साइबर पुलिस की टीम रेलवे चौक पहुंची, बाजार में हड़कंप मच गया. ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत अजय को गिरफ्तार किया गया, जिससे यह बड़ा रैकेट उजागर हुआ.

हजारों फर्जी सिम कार्ड से हो रहा था ठगी का खेल

जांच में सामने आया कि अजय ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 7063 सिम कार्ड जारी किए, जिनका उपयोग भारत सहित यूएई, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार में साइबर ठगी के लिए किया जा रहा था. इसके अलावा, 590 मोबाइल फोन भी इस अपराध में इस्तेमाल किए गए.

कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?

अजय ग्राहकों का भरोसा जीतकर उनका डबल थंब स्कैन और आई-ब्लिंक करता था.

इन्हीं पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड सक्रिय कर दिए जाते थे.

कई मामलों में केवल आधार कार्ड की फोटो कॉपी से भी सिम कार्ड जारी कर दिए जाते थे.

बाद में ये सिम कार्ड म्यूल अकाउंट संचालकों और दलालों को बेचे जाते थे, जो इन्हें ठगी के लिए उपयोग में लाते थे.

ऑपरेशन साइबर शील्ड में अब तक 98 गिरफ्तारियां

आईजी अमरेश मिश्रा के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान में 98 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों में बैंक अधिकारी, पीओएस एजेंट और म्यूल अकाउंट धारक शामिल हैं. अजय की गिरफ्तारी के बाद पूरे बाजार में सन्नाटा छा गया है.

12 अन्य पीओएस एजेंट भी गिरफ्तार

अजय के अलावा एयरटेल और जियो के 12 पीओएस एजेंट भी इस मामले में पकड़े गए हैं. पूछताछ में अजय ने कई बड़े नाम उजागर किए हैं, जिससे रैकेट के और भी बड़े चेहरे सामने आने की संभावना है.

पुलिस की अपील – सतर्क रहें

इस हाई-प्रोफाइल साइबर क्राइम केस ने स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों को भी सतर्क कर दिया है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने दस्तावेज किसी अजनबी को न दें, अनजान कॉल्स और फर्जी ऑफर्स से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.

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