इंदौर। साइबर अपराधियों ने जिला न्यायालय के खाते में सेंध लगाकर 64 लाख रुपये निकाले और एडीजे का वाउचर बाउंस होने पर इस धोखाधड़ी का राजफाश हुआ। प्रबंधक ने साइबर हेल्पलाइन और अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवा दी है, पुलिस इस आधार पर गुजरात में छापामार कार्रवाई कर रही है। जिसके बाद दो आरोपितों को चिह्नित भी कर लिया है, जिनके नाम से सिमकार्ड जारी हुआ था।
64 लाख 5 हजार रुपये की हुई धोखाधड़ी
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के अनुसार जिला कोर्ट परिसर स्थित एसबीआइ के प्रबंधक पुनीत तिवारी ने 64 लाख 5 हजार रुपये की धोखाधड़ी का आवेदन प्रस्तुत किया था। पुलिस ने जांच कर आरोपित साहिल रंगरेज और उसके पिता साजिद अब्दुल सत्तार रंगरेज निवासी डिसेंट अपार्टमेंट धानभुरा रोड बलसाड़ (गुजरात) के विरुद्ध केस दर्ज किया है।
जिला न्यायालय के नाम से था खाता
एडीसीपी के अनुसार 17वें एडीजे जिला न्यायालय के नाम से खाता है। इसमें लाखों का लेनदेन होता रहता है। 11 जून को एडीजे ने 6 लाख 50 हजार रुपये का वाउचर एक अन्य शाखा के लिए जारी किया था। अपर्याप्त राशि के कारण वाउचर रोक दिया गया। एडीजे, जिला न्यायालय के कर्मी और बैंक अधिकारी सकते में आ गए। जांच में पता चला कि 5 मार्च से 11 जून के बीच यूपीआइ के माध्यम से साइबर अपराधियों ने रुपये निकाले हैं।
मैनेजर ने साइबर हेल्पलाइन में दर्ज कराई शिकायत
प्रबंधक पुनीत तिवारी ने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई। निरीक्षक माधवसिंह भदौरिया ने खाते की जानकारी मांगी तो पता चला रुपये पेटीएम से निकाले हैं। पेटीएम गुजरात के मोबाइल (9825556011) से रजिस्टर्ड है। रुपये एक अन्य एसबीआइ के खाते (बलसाड़) में भेजे गए हैं। यह खाता साहिल और साजिद का संयुक्त रूप से है। पुलिस ने शनिवार रात आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज कर रात में टीम रवाना कर दी
अपराध शाखा की जांच में बैंक और कोर्ट अफसरों की लापरवाही सामने आई है। उनकी लापरवाही के कारण ही खाते से 64 लाख रुपये निकले हैं। जांचकर्ता के मुताबिक बैंक में रजिस्टर्ड नंबर कुछ महीनों पूर्व बंद हो गया था। कोर्ट अधिकारियों ने खाता अपडेट ही नहीं करवाया। बैंक ने भी केवायसी अपडेट करने का तकादा नहीं किया। मोबाइल कंपनी ने सिमकार्ड आरोपियों के नाम से जारी कर दिया। जैसे ही आरोपियों ने ई-वालेट सुविधा ली, पेटीएम भी इंस्टाल हो गया। आरोपितों ने इसका फायदा उठाया और रुपये निकाल लिए। पुलिस ने पेटीएम से जानकारी ली तो पता चला कि आरोपित जमकर खरीदारी कर रहे थे। उन्होंने लाखों रुपये का सामान खरीदा है।