देश में साइबर अपराधों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है। गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में जानकारी दी कि 2024 में साइबर ठगी से देश के नागरिकों को 22,845.73 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है, जब यह राशि करीब 7,465.18 करोड़ रुपये थी।
हर साल तेजी से बढ़ रहे मामले
सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार:
- 2022 में दर्ज मामले: 10.29 लाख
- 2023 में दर्ज मामले: 15.96 लाख (55.15% की वृद्धि)
- 2024 में दर्ज मामले: 22.68 लाख (42.08% की वृद्धि)
वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाएं 2023 में 24.42 लाख थीं, जबकि 2024 में यह बढ़कर 36.37 लाख हो गईं।
5,489 करोड़ रुपये की बचत, 10,599 गिरफ्तारियां
मंत्री ने बताया कि नागरिकों की शिकायतों पर 17.82 लाख से ज्यादा मामलों में कुल 5,489 करोड़ रुपये की राशि को बचाया गया है।
इसके साथ ही, I4C योजना के तहत तकनीकी निगरानी और सहयोग से 10,599 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
SIM और IMEI ब्लॉक कर रही सरकार
अब तक 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.63 लाख IMEI नंबर ब्लॉक किए जा चुके हैं। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के सहयोग से, संदिग्ध म्यूल खातों की एक बड़ी रजिस्ट्री तैयार की गई है, जिससे 4,631 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को बचाया गया।
‘प्रतिबिंब’ मॉड्यूल से बढ़ी निगरानी क्षमता
सरकार ने ‘प्रतिबिंब’ नामक एक मॉड्यूल लॉन्च किया है जो अपराधियों और उनके नेटवर्क की लोकेशन को मानचित्र पर दिखाता है, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बेहतर विश्लेषण और कार्रवाई में मदद मिलती है।
बुजुर्गों पर साइबर हमलों के डेटा की कमी
सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में यह भी बताया गया कि बुजुर्गों से संबंधित साइबर अपराधों का विशिष्ट डेटा NCRB द्वारा अलग से दर्ज नहीं किया जाता।
सरकार की ओर से इस बढ़ते खतरे पर लगाम लगाने के लिए तकनीकी, कानूनी और प्रशासनिक उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन आंकड़े साफ दिखाते हैं कि देश में साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता है।