मऊगंज: भदौहा निवासी रवि कुमार पटेल एक शातिर साइबर ठग का शिकार हो गए। 6 मई को उनके मोबाइल पर एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को रिश्तेदार बताकर मदद के नाम पर पैसे मांगे। बातचीत के बाद रवि के व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा गया। जैसे ही उन्होंने उस लिंक पर क्लिक किया, उनके बैंक खाते से 40 हजार रुपए गायब हो गए।
घटना के तुरंत बाद रवि ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। एसपी दिलीप सोनी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे साइबर सेल मऊगंज को सौंपा। प्रभारी भावेश द्विवेदी ने तत्परता दिखाते हुए तकनीकी कार्रवाई की और ठग के बैंक खाते को फ्रीज करवा दिया। हालांकि ठग पहले ही 10 हजार रुपए निकाल चुका था, लेकिन शेष 30 हजार रुपए कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित के खाते में वापस करा दिए गए।
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साइबर सेल की इस कार्रवाई को मऊगंज में पहली बड़ी सफलता माना जा रहा है, जहां ठगी की राशि पीड़ित को वापस मिल सकी। इससे पहले मऊगंज में एक महिला शिक्षक भी साइबर ठगी का शिकार हुई थीं, जिसने मानसिक दबाव में आत्महत्या कर ली थी। उस मामले में पुलिस ने आरोपियों को राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार किया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, लिंक या ऐप पर भरोसा न करें। ओटीपी या बैंक से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। यदि साइबर धोखाधड़ी हो जाए तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या निकटतम साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। सतर्कता ही सुरक्षा है।