श्री कृष्ण को अपना प्रेमी बताने वाली प्रयागराज की ‘दूसरी राधा’ पूर्व आईजी डीके पांडा साइबर ठगों के जाल में फंस गए. साइबर ठगों ने उन्हें अपने जाल में ऐसा फसाया की उनका खाता ही खाली कर दिया. व्हाट्सएप पर भेजे गए लिंक को क्लिक करने के बाद उनके खाते से 4 लाख 32 हजार रुपये उड़ा लिए गए. घटना 9 सितंबर की बताई जा रही है. पीड़ित पांडा की तहरीर पर 15 सितंबर को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई.
प्रयागराज के एडीए कॉलोनी प्रीतमनगर में रह रहे डीके पांडा ने घटना के बारे में बताया कि वह इंडियन बैंक मुंडेरा शाखा का टोल-फ्री नंबर इंटरनेट पर सर्च कर रहे थे. तभी उनके पास राहुल कुमार नाम के व्यक्ति का कॉल आया. उसने खुद को बैंककर्मी बताते हुए मदद करने का भरोसा दिलाया और व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा. इस बार लिंक खोलने के बाद कॉलर ने उन्हें घंटों तक बातचीत में उलझाए रखा और इसी दौरान उनके यूको बैंक सेविंग्स खाते से चार ट्रांजेक्शन में कुल 4.32 लाख रुपये निकाल लिए.
पूर्व IG से 4 लाख की ठगी
इनमें 1,95,023 रुपये, 95,008 रुपये, 98,000 रुपये और 44,012 रुपये शामिल हैं. पांडा ने अगले दिन यानी 10 सितंबर को साइबर क्राइम सेल में शिकायत दी थी, लेकिन एफआईआर 15 सितंबर को धूमनगंज थाने में दर्ज की गई. मामले की जांच इंस्पेक्टर सुरेंद्र पाल सिंह को सौंपी गई है. पांडा ने ठग का मोबाइल नंबर भी पुलिस को उपलब्ध कराया है. धूमनगंज थाने के प्रभारी अमर नाथ राय ने बताया कि यह मामला साइबर फ्रॉड का है.
2005 में छोड़ी थीं नौकरी
पुलिस ठग के मोबाइल नंबर और लिंक की जांच कर रही है. उन्होंने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और बैंक संबंधी जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से ही प्राप्त करें. मूलरूप से ओडिशा के रहने वाले 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी डीके पांडा ने 2005 में नौकरी छोड़कर दूसरी राधा का रूप धारण कर लिया था. बाद में 2015 में वे कृष्णानंद बन गए.
पिछले साल भी साइबर ठगों ने बनाया था शिकार
प्रयागराज के प्रीतम नगर में उनका आवास है जिसे वह राधा कुंज कहते हैं. आपको बता दें कि पांडा पिछले साल भी साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. तब उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 3.81 करोड़ रुपये मुनाफा दिखाकर 8 लाख रुपये टीडीएस देने का दबाव बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी. इस बार वह व्हाट्सएप के जरिए ठगे गए.