सिंगरौली : जिले में बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिये पुलिस लगातार जन जागरुकता अभियान चला रही है, उसके बाद भी साइबर ठग रूप बदल- बदल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं. पिछले साल साइबर ठगों के जाल में जिले के 800 से अधिक लोग फंस चुके हैं. राहत की बात यह रही कि पुलिस की सतर्कता और तत्परता से करीब 20 लाख रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस कराई गई और 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को फ्रीज कराया गया है.
साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए तहर तरह के हथकंड़े अपना रहे हैं. कभी बिजली कर्मी तो कभी पंचायत कर्मी या पुलिसकर्मी बनकर लोगों को जाल में फंसाते हैं. सीबीआई और ईडी, जिनका नाम आधे उपभोक्ता जानते भी नहीं होंगे पर ठग इनके नाम पर भी लोगों को निशाने पर लेते हैं. जिले में साइबर अपराधी कुछ लोगों के साथ सेक्सटॉर्सन की घटनाएं भी कर चुके हैं. साइबर क्रिमिनल पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. हर साल शिकायतें बढ़ रही हैं.
पुलिस के पास साइबर अपराधियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक संसाधान नहीं हैं. संसाधन के अलावा साइबर के जानकारों की कमी भी पुलिस विभाग में है. कुछ मामलों मैं पुलिस को तत्काल सूचना मिल जाती है तो पुलिस ऐसे मामलों में एक्शन लेकर या तो राशि को वापस करा देती है या फिर होल्ड करा देती है.वहीं कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें पहले से ही काफी देर हो चुकी होती है, ऐसे मामलों में पुलिस सिर्फ अपराध दर्ज करने तक ही सीमित रहती है.
कई तरीके से करते हैं फ्राड
साइबर क्राइम से जुड़ी जो शिकायतें पुलिस के पास आईं उनको देखकर पुलिस भी हैरान हो जाती है, क्योंकि साइबर अपराधी कई तरीके से फ्राड कर रहे हैं. साइबर अपराधियों द्वारा नये-नये तरीके से फ्राड किये जाने से पुलिस भी हैरान है. जानकारों की मानें तो साइबर अपराधी हर पांच माह में पैटर्न बदल देते हैं. कभी ओटीपी पूछकर खाते से राशि पार कर देते हैं तो कभी किसी सरकारी योजना जैसे लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना, प्रधानमंत्री आवास योजना और किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर लोगों को फोन कर पर्सनल जानकारी एकत्र करते हैं और बैंक खाते से राशि निकाल लेते हैं.
संचार सार्थी पोर्टल से जाने कितनी सिम हैं आपके नाम पर
कई बार पता ही नहीं रहता कि हमारे नाम पर कितनी मोबाइल सिम चल रही हैं. यह जानने के लिए गूगल में संचार सार्थी पोर्टल पर जाकर जान सकते हैं कि आप के नाम पर कितनी सिम चल रही हैं. अगर कोई व्यक्ति चोरी-छिपे आपके नाम पर सिम चला रहा है तो उसे पोर्टल के माध्यम से बंद करा सकते हैं. मोबाइल चोरी होने की सूचना भी दी जा सकती है और मोबाइल का बंद भी कराया जा सकता है. वहीं फ्रॉड होने की सूचना भी दर्ज कराई जा सकती है.
मोबाइल गुमने की 2283 शिकायतें हुई प्राप्त
पिछले साल से लेकर अब तक मोबाइल चोरी होने व गुमने की 2283 शिकायतें पुलिस के पास पहुंची है. दर्ज शिकायतों में से अब तक पुलिस 851 मोबाइल तलाश कर लोगों को दे चुकी है, वहीं 14 सौ से अधिक मोबाइल की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है. मोबाइल की तलाश में पुलिस की टीम बिहार, यूपी, बंगाल तक जा चुकी है. वहीं कई मोबाइल की लोकेशन प्राप्त करने के लिए पुलिस सार्विलांस में रखकर नजर रख रही है.