इंदौर में एक साल में 75 करोड़ के साइबर फ्रॉड, क्राइम ब्रांच ने 11 हजार शिकायतें में 14.20 करोड़ रुपए वापस दिलाए

देशभर में साइबर फ्रॉड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई और लोगों की जागरूकता से शहर लोगों के साथ हो रही ठगी पर काफी हद तक कमी आई है। वहीं 100 से अधिक ठगों को पकड़ा है।

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इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि लोगों में अब जागरूकता आ रही है। कई लोग साइबर फ्रॉड के झांसे में नहीं आ रहे हैं। अगर किसी के साथ धोखाधड़ी हो गई तो जो लोग समय पर शिकायत कर रहे हैं उनके पैसे वापस दिला रहे हैं।

दरअसल, क्राइम ब्रांच में पिछले साल 11 हजार शिकायते आईं। जिसमें करीब 75 करोड़ का फ्रॉड हुआ। जिसमें क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए 14 करोड़ 20 लाख रुपए वापस कराए हैं। वहीं 100 से ज्यादा फ्रॉड करने वालो को पकड़ा है। जिसमें ट्रेड एजेन्ट, सिम होल्डर, अकांउट होल्डर भी है।

एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने कहा,

लोग थोड़े से लालच में अपने अकाउंट से करोड़ों का ट्रांजैक्शन कर रहे है। सिम और अकांउट किराए पर दे रहे है। ऐसे मामले में अगर इंडिया में कही भी शिकायत होती है तो जेल जाना पड़ सकता है। इसके पहले एक इंजीनियरिंग कंपनी में काम करने वाला आईटी इंजीनियर और एक स्टूडेंट ऐसे मामले में जेल जा चुका है।

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ​​से​​​​​ सवाल-जवाब से जाने साइबर फ्रॉड के बारे में सबकुछ

सवाल- साइबर फ्रॉड कितने तरह के होते है? जबाव- सामान्य जानकारी के हिसाब से साइबर फ्रॉड दो प्रकार के होते है। पहला फायनेंशियल फ्रॉड दूसरा सोशल मीडिया फ्रॉड। फायनेंशियल में रुपए का लास होता है। जिसमें लॉटरी खोलने, डिजीटल अरेस्ट, सेक्शटॉर्शन और अन्य तरह के रुपए जाने वाली घटनाएं होती है। जो आर्थिक हानि है।

वहीं दूसरे में दो कोचिंग या दो कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में फेक आईडी, फेक पेज बनाना या किसी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के झगड़ों में सोशल इमेज खराब करने जैसी बात सामने आती है। फायनेंशियल स्कैम करीब 70 से 75 प्रतिशत होते है। वही सोशल मीडिया स्कैम करीब 20 से 25 प्रतिशत के लगभग होते है।

सवाल- इनसे किस तरह से बचा जा सकता है? जवाब- 15 तरीके के कॉमन फ्रॉड होते है। सबसे पहले अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेंप्ट ना करे। अनजान वीडियो कॉल को ना उठाएं, कोई लिंक ना खोले डाउन लोड ना करें। एपीके फाइल नही खोले। क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करना हो तो डोमीन या उसकी डिजीटल जानकारी वेरिफाई करें। वहीं डिजीटल अरेस्ट या अन्य तरह की चीजें नही होती इससे घबराए नहीं। पुलिस या किसी तरह की अन्य प्रशासनिक संस्था आपसे वीडियो कॉल या ऑनलाइन रूपए नही मांगती। ऐसी बातों पर अमल करेगे तो बचाव किया जा सकता है।

सवाल- किसी के साथ फ्रॉड हो गया तो मदद कैसे मिलेगी? जवाब- ऐसे मामलो में सबसे पहले 1930 पर कॉल करे। अगर बिजी है तो नजदीक के थाने में जाए। 15 से 20 मिनट में बैक में दिए गए नंबर को कॉल कर अकाउंट होल्ड करवाए। पहला घंटा इसमें साइबर फ्राड से बचने के लिए गोल्डन हार्स होता है। जिसमें बचा जा सकता है। इसके अलावा साइबर पुलिस की बेवसाइट पर शिकायत कर सकते है।

यूपीआई से संबधित फ्रॉड होतो तो नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया पर शिकायत करा सकते है। मोबाइल गुम होने जैसी दशा में सीआईए सेन्ट्रल एक्यूपमेंट कॉप पर जाकर शिकायत कर सकते है। वही टेप कॉप पर जाकर पता कर सकते है। आपके नाम से कितनी सिम चल रही है। केवाईसी पोर्टल पर भी जानकारी निकाल सकते है। वहीं साइबर पुलिस का साइबर दोस्त एप भी डाउनलोड कर सकते है।

सवाल- किस तरह का नया ट्रेड आया है? नए ठग कैसे ठग रहे हैं? जवाब- इसमें तीन प्रकार के ट्रेड सामने आए है। पहला है जंप डिपाजिट कॉल इसमें कॉल आएगा और बताएगा कि गलती से रुपए आपके अकाउंट में आ गए है। गलत डिजिट के कारण ऐसा होने की बात करेगा। जैसे ही आप यूपीआई डालेंगे तो आपके अकांउट से पैसे कट जाएगे।

इसमें ऑल रेडी पहले से पेमेंट रिक्वेस्ट भेजी होती है। इसमें बचने के लिए दो तीन बार गलत यूपीआई पिन डाल दो। जिसमें सामने वाले फ्रॉड की रिक्वेस्ट हट जाएगी। आपको पता चल जाएगा। दूसरा कॉल मर्ज करके स्कैम करेगे। जिसमें आपको कॉल कर किसी परिचित के द्वारा नंबर देने की बात करेंगे। उसे लाईन पर जोड़ने की बात करेगे। ऐसे में अनजान नंबर से कॉल आएगा। जब आप उसे उठाएंगे तो सामने अकाउंट से पैसा कट जाएगा। यह एक तरह से ओटीपी कॉल होता है। इसके बाद तीसरा सबसे बडा स्कैम पिंक बैरिंग स्कैम और पिक स्लेडरिंग स्कैम है। जिसमें क्रिप्टो करेंसी या टेलीग्राम एप में आपका नंबर जोड़कर आपका विश्वास जीतेगे। धीरे-धीरे आपको विश्वास में लेकर इन्वेस्ट कराएगे।

लंबे समय तक फ्रॉड करते हुए रुपए अकाउंट में डलवाएगें। इसमें कुछ दिन पहले एक डॉक्टर के साथ तीन करोड़ का फ्रॉड हुआ। वही अन्य फ्रॉड भी हुए। इसमें भी इन्वेस्ट करते समय बेवसाइट और डोमिन चेक करके या सेबी से जानकारी निकालकर फर्जी डिपाजिट वाले स्कैम से बचा जा सकता है। वहीं उनकी डिजाइनिंग व अन्य चीजों में भी काफी करेक्शन होता है। प्रोफेशनली उसकी स्पेलिंग भी अलग होती।

सवाल- अभी तक क्राइम ब्रांच कितने लोगो की मदद कर चुकी है? जवाब- इंदौर क्राइम ब्रांच में इस मामले में पिछले साल 11 हजार शिकायतें आईं। जिसमें करीब 75 करोड़ का फ्राड हुआ। क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए 14 करोड 20 लाख रुपए वापस कराए है। वहीं 100 से ज्यादा फ्राड करने वालो को पकड़ा है। जिसमें ट्रेड एजेन्ट, सिम होल्डर, अकाउंट होल्डर भी है। इसमें कुछ लोगो को जागरूक रहने की जरूरत है जो थोड़े से लालच में अपने अकाउंट से करोड़ों का ट्रांजैक्शन कर रहे है।

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