जम्मू-कश्मीर के दाछीगाम के जंगलों में हुए एनकाउंटर में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. आरोपियों परवेज अहमद और बशीर अहमद पर आतंकियों को शरण देने का आरोप है. इन दोनों को ‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए आतंकियों की पहचान के लिए भी ले जाया गया है.
‘ऑपरेशन महादेव’ में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ मूसा फौजी भी मारा गया. मूसा, पिछले साल श्रीनगर-सोनमर्ग हाईवे पर ज-मोर्ह सुरंग निर्माण में लगे 7 मजदूरों की हत्या में भी शामिल था.
एनकाउंटर दाछीगाम के घने जंगलों में महादेव और जबरवान की रेंज के बीच हुआ. सेना को जुलाई की शुरुआत में वहां संदिग्ध सैटेलाइट कम्युनिकेशन की सूचना मिली थी. इसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने 14 दिन तक आतंकियों की ट्रैकिंग की.
सैटेलाइट कम्युनिकेशन से की गई ट्रैकिंग
मुल्तान से जुड़े लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के इस समूह की गतिविधियों पर नजर रखने में स्थानीय बकरवाल समुदाय ने भी अहम भूमिका निभाई और पुख्ता इनपुट दिए. दो दिन पहले जब सैटेलाइट कम्युनिकेशन फिर से सक्रिय हुआ, तो ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
आतंकियों के पास से बरामद किए गए हथियार
एनकाउंटर के बाद, सेना और जेके पुलिस की टीम को आतंकियों के शव निकालने के लिए 8 घंटे तक कठिन ट्रैकिंग करनी पड़ी. टीम स्ट्रेचर और इक्विपमेंट के साथ जंगल में गई और शवों को देर रात श्रीनगर लाया गया. इस ऑपरेशन में 17 ग्रेनेड, एक M4 कारबाइन और दो AK-47 राइफल बरामद की गईं. मारे गए आतंकियों में से एक वही था जिसने 26 नागरिकों की जान लेने वाले पहलगाम हमले की साजिश रची थी.