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डलहौजी ने नहीं की भारत की खोज, गलत पढ़ाया इतिहास, इंदर सिंह परमार का बयान

भोपाल: आपने सामान्य ज्ञान समेत अन्य किताबों में पढ़ा होगा कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने की है. यही आप मानते भी हैं, लेकिन ये सच नहीं है. ऐसा कहना है मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का. मंगलवार को बीयू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए इंदर सिंह परमार ने बताया कि ‘अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों ने की है. हमें गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है. वहीं बताया जाता है, कि भारत की खोज डलहौजी ने की है, लेकिन यह भी गलत है. परमार ने बताया कि भारत की खोज चंदन नाम के व्यापारी ने की थी.’

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डिजिटल मार्कशीट और डिग्री देने वाला पहला विश्वविद्यालय

राजधानी के कुशाभाउ ठाकरे सभागार में मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटल मार्कशीट और डिग्री देने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया. रजिस्ट्रार आईके मंसूरी ने बताया कि ‘बीयू भोपाल छात्रों को ऑनलाइन डिजिटल मार्केशीट और डिग्री देने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है. मंगलवार को बीए आर्टस की गोल्ड्र मेडलिस्ट तनु गुलाटी, एमएससी पीजी के गोल्ड्र मेडलिस्ट यश पाठक और पीएचडी की गोल्ड मेडलिस्ट अनुपमा कुजूर को ऑनलाइन मार्कशीट उपलब्ध कराई गई.’

बीयू के छात्रों को निशुल्क मिलेगी डिग्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘अब तक छात्रों को डिग्री देने से पहले शुल्क की वसूली हेाती थी, लेकिन इस पर भी रोक लगा दी गई है. सीएम यादव ने कहा कि अब छात्र कहीं से भी अपनी मार्कशाीट और डिग्री मंगा सकेंगे.’ इस बार छात्रों को ऑनलाइन डिग्री और प्रवेश के लिए डिजिटल मार्कशीट जारी की गई है. इस कार्यक्रम में बीयू की स्मारिका और योग पुस्कत का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री यादव ने दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री लेने वालों को शुभकामनाएं दी. साथ ही सीएम ने घोषणा की है, कि बीयू के विद्यार्थियों को निश्शुल्क डिग्री प्रदान की जाएगी. इसका कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा.

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