बहुजन समाज पार्टी (BSP) चीफ मायावती ने जातिवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. बसपा चीफ ने कहा,’देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है.’
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर मायावती ने कहा,’पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में तो दलितों को याद करती हैं, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं. इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है.’
आकाश आनंद भी साध चुके हैं निशाना
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा था. आकाश ने कहा था कि हुड्डा के समर्थकों ने शैलजा के बारे में कितनी बुरी बातें कही हैं. वह एक बड़ी दलित नेता हैं. हम उनका सम्मान करते हैं.
1. देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। 1/6
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2024
2. लेकिन ये पार्टियाँ, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है। 2/6
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‘ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए’
मायावती ने आगे कहा,’ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए. क्योंकि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था.’
‘बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलें दलित’
उन्होंने कहा,’बाबा साहेब से प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में सम्मान व स्वाभिमान में राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा भी दे दिया था. ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह है. इसके इलावा, कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी खिलाफ रही हैं. राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही एलान कर दिया है. ऐसी संविधान, आरक्षण व SC, ST, OBC विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें.’