दमोह: हटा थाना क्षेत्र के सुभाष वार्ड निवासी 44 वर्षीय राजेश नामदेव की करंट लगने से मौत हो गई. परिजन उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को घर ले जाने लगे. पुलिस ने उन्हें रोका, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे. स्थिति को देखते हुए कोतवाली पुलिस को बुलाया गया. कड़ी समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.
इस दौरान जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर करीब एक घंटे तक शव स्ट्रेचर पर पड़ा रहा. परिजन शव से लिपटकर रोते-चिल्लाते रहे, वहीं लोगों की भीड़ जमा हो गई. बताया गया है कि राजेश को करंट उस वक्त लगा जब वह पानी की मोटर चालू कर रहे थे. पहले उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
जब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखने का प्रयास किया, तो परिजन शव को स्ट्रेचर सहित खींचकर गेट के पास ले आए और ले जाने की जिद करने लगे. मृतक का बेटा पहले हाथ जोड़कर और फिर एक पुलिसकर्मी के पैर पकड़कर कहने लगा कि वह पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहता, साथ ही बोले कि पिता के शरीर पर एक खरोंच भी नहीं आनी चाहिए.
इधर, मृतक की पत्नी और बहन शव से लिपटकर बार-बार कहती रहीं कि एक बार तो उठ जाओ, तुम्हें कुछ नहीं हुआ है. यह हृदयविदारक दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो उठे. अंततः पुलिस की समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए. पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है.