आजकल लोगों के बहुत ही बिजी शेड्यूल हो गए हैं, जिसकी वजह से वो खुद का कायदे से ख्याल नहीं रख पाते हैं. दिनभर सिटींग जॉब करने की वजह से ज्यादातर लोगों में कई बीमारियों के लक्षण बहुत कम उम्र में ही दिखने लगते हैं. इस बीच बहुत से लोग ये कहते हैं कि उनके पास जिम जाने या किसी भी तरह की एक्सरसाइज को करने का समय नहीं है. लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि सिर्फ 20 मिनट डांस करके ही आप खुद को फिट रख सकते हैं और कैलोरी भी बर्न कर सकते हैं तो क्या आप इस बात को मानेंगे?
अधिकतर लोग इस सवाल का जवाब न में ही देंगे, लेकिन सामने आई एक स्टडी के अनुसार लोग अगर किचन में काम करते समय सिर्फ 20 मिनट अपनी पसंद के गाने पर नाचेंगे तो इससे उनकी हेल्थ पर पॉजिटिव बदलाव देखने को मिलते हैं. इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस की कर्रेंट गाइडलाइन्स लोगों को एक हफ्ते में 150 मिनट तक मीडियम से हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करने की सलाह देती है. ये वो एक्सरसाइज हैं, जोकि लोग जिम, जॉगिंग या फिर स्विमिंग करके करते हैं. मगर एक स्टडी सामने आई है, जिसमें ये बताया गया कि डांस करना भी उतना ही इफेक्टिव है.
क्या कहती है स्टडी?
इस स्टडी को पूरा करने के लिए बोस्टन, मैसाचुसेट्स में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 18 से 83 उम्र की आयु वाले 48 लोगों को इसमें शामिल किया. वैज्ञानिकों ने इन लोगों से रोजाना 5 मिनट तक डांस करने को कहा. इस दौरान एक्सरसाइज की इंटेंसिटी को मापने के लिए ऑक्सीजन इनटेक और हार्ट रेट को मापा गया और डेटा से पता कि इस स्टडी में भाग लेने वाले सभी लोग कम से कम मीडियम फिजिकल एक्टिविटी लेवल तक पहुंच गए. बता दें कि इस स्टडी का नेतृत्व डॉ एस्टन मैकुलॉ ने किया था.
उन्होंने अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस कांफ्रेंस में कहा, “इस स्टडी को करने का मकसद ये समझना था कि क्या लोगों को फ्री होकर डांसिंग करने से वो इंटेंसिटी हासिल होती है, जोकि उनके अन्य फिजिकल एक्टिविटीज से हासिल होती है.” उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि इस स्टडी को करने के बाद उन्हें जवाब हां में मिला. डॉ एस्टन मैकुलॉ ने कहा कि स्टडी में शामिल हुए सभी लोग एक्टिविटी के स्तर तक पहुंचने में कामयाब हुए, जबकि उन्हें ये नहीं बताया गया था कि उन्हें किस इंटेंसिटी पर डांस करना है.
जानें एक्सपर्ट की राय
वहीं, इस मामले में राजीव गांधी हॉस्टिपल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ अजीम जैन ने बताया कि सिर्फ 20 मिनट तक डांस करना हमारी कार्डियो एक्टिविटी के बराबर है. उन्होंने बताया कि ये वो एक्टिविटीज हैं जो हमें डायबिटीज, हार्ट डिजिज और कई गंभीर बीमारियों से बचाती हैं. अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ जैन ने कहा कि ये वेट ट्रेनिंग नहीं है क्योंकि डांस भी एक तरह की फिजिकल एक्टिविटी है जो अगर रोजाना कुछ समय के लिए की जाए तो ये एक तरह से आधे घंटे का वर्कआउट ही है.