इटावा का दांदरपुर गांव बना जातीय टकराव का मैदान, कथावाचकों की पिटाई से शुरू हुआ विवाद हिंसा में बदला

इटावा/उत्तर प्रदेश- इटावा ज़िले का दांदरपुर गांव इन दिनों जातीय तनाव और टकराव का केंद्र बन गया है। मामला दो कथावाचकों के साथ बदसलूकी से शुरू हुआ और अब पूरे गांव में तनाव का माहौल है। गुरुवार को हालात उस वक्त बेकाबू हो गए जब यादव समाज के प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, जिससे पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।

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दरअसल, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कथावाचकों मुकुट मणि यादव और संत कुमार यादव के साथ मारपीट, चोटी काटने और अपमानजनक व्यवहार की तस्वीरें सामने आईं। इन दोनों कथावाचकों पर कथित रूप से ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों ने यह कहकर हमला किया कि वे ब्राह्मण नहीं हैं, इसलिए कथा नहीं सुना सकते।

घटना के बाद जब यह स्पष्ट हुआ कि कथावाचक यादव समाज से हैं और उन्होंने कथावाचन के लिए ब्राह्मण पहचान का इस्तेमाल किया, तो गांव में जातीय टकराव गहराने लगा। पुलिस ने मारपीट के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया — जिनकी पहचान आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे और निक्की अवस्थी के रूप में हुई। निक्की अवस्थी पर कथावाचकों के बाल काटने का आरोप है।

हालांकि, ब्राह्मण महासभा ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कथावाचकों ने अपनी जाति छिपाकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, और एक महिला के साथ अभद्रता भी की। पुलिस ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली है।

इसके विरोध में आज यादव समाज और कथित ‘अहीर रेजीमेंट’ के सदस्य सड़कों पर उतर आए। दांदरपुर गांव के बाहर लोगों को जाति पूछकर ही एंट्री दी जा रही थी। केवल यादव समाज के लोगों को ही गांव में प्रवेश मिल रहा था। जब पुलिस ने इस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी और फायरिंग कर दी।

फिलहाल पुलिस गांव में तैनात है और हालात को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है। दोनों पक्षों में तनाव लगातार बना हुआ है और प्रशासन की ओर से शांति बहाल रखने की अपील की गई है।

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