मानसून की वापसी तेज़ हो गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बारिश अब थम जाएगी। सितंबर के अंत तक देश के कई हिस्सों में एक और दौर की बारिश (Weather Update) दस्तक दे सकता है। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव का क्षेत्र आगे बढ़ रहा है, जिसके असर से ओडिशा, आंध्र प्रदेश, MP और छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा की संभावना है। वहीं बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी बारिश (Rain Alert) लौट सकती है।
आ गया बारिश का अलर्ट
मानसून की वापसी ने एक सप्ताह की शिथिलता के बाद फिर रफ्तार पकड़ ली है। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं कि वर्षा पूरी तरह थम जाएगी। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि सितंबर के अंत तक बारिश का एक नया चरण शुरू हो सकता है।
गुजरात और राजस्थान में शुष्क पश्चिमी हवाओं के कारण मानसून की विदाई हो चुकी है। हरियाणा और पंजाब में भी मौसम शुष्क होने लगा है, वहीं दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों से भी मानसून जल्द विदा लेगा। मगर इसके बावजूद उत्तर भारत के बड़े हिस्से में बारिश लौटने की स्थितियां बनने लगी हैं।
बंगाल की खाड़ी से उठेगा नया सिस्टम
आईएमडी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय है, जो आगे बढ़ रहा है। 25 सितंबर के आसपास पूर्व-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी में एक और दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इसका असर ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर सबसे पहले दिखेगा। यहां भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है। यह सिस्टम पश्चिमी हवाओं को पीछे धकेल देगा, जिससे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी बारिश का नया दौर लौट सकता है।
खरीफ फसलों पर असर
सितंबर के अंतिम दिनों की बारिश खरीफ फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। खेतों में खड़ी धान और अन्य फसलों पर जलभराव और रोगों का खतरा बढ़ जाएगा।
पहाड़ी राज्यों में सीमित वर्षा
उत्तर-पश्चिम भारत में पहाड़ी राज्यों का मौसम अब शुष्क रहने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में मानसून की विदाई के अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। हालांकि सामान्य से कम नमी के कारण यहां वर्षा सीमित ही रहेगी। उत्तराखंड में हल्की बारिश जारी रहेगी। वहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा।
देशभर का वर्षा आंकड़ा
इस साल 17 सितंबर तक पूरे देश में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। क्षेत्रीय असंतुलन साफ दिखाई देता है—उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई, जबकि पूर्व और उत्तर-पूर्व में लगभग 18 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
राज्यवार स्थिति देखें तो उत्तर प्रदेश में औसतन 695.6 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से लगभग 4 प्रतिशत कम है। बिहार में 17 सितंबर तक औसतन 1,029 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक है। उत्तराखंड में 1,299 मिमी वर्षा हुई, जो 22 प्रतिशत अधिक है। पंजाब में 37 प्रतिशत, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में 30 से 40 प्रतिशत तक अधिक वर्षा दर्ज की गई।