मध्य प्रदेश: सागर में 86 वर्षीय पिता का निधन होने के बाद बेटी ने उनका नेत्रदान कराया. उन्होंने जीवित रहते ही पत्नी से नेत्रदान करने की इच्छा जताई थी. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराई है.
जानकारी के अनुसार, सागर के मकरोनिया स्थित आजमनी कैंपस निवासी रिटायर्ड इंजीनियर सत्य कुमार चक्रवर्ती का शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सांस की बीमारी और ब्रेन स्ट्रोक के कारण इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.
सत्य कुमार चक्रवर्ती ने उनकी पत्नी क्षिप्रा चक्रवर्ती को जीवित रहते ही नेत्र दान की इच्छा जताई थी। निधन के ढाई घंटे बाद उनकी बेटी नवनीता भट्टाचार्य ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के आई बैंक नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. प्रवीण खरे से संपर्क किया.
उन्होंने पिता के नेत्रदान करने की सूचना दी. जिसके बाद बीएमसी के आई बैंक की टीम को मकरोनिया स्थित निजी अस्पताल भेजा गया.
जहां टीम ने परिजनों की लिखित सहमति के बाद मृत सत्य कुमार चक्रवर्ती के दोनों आंखों के कॉर्निया को सुरक्षित निकालकर आई बैंक में रखवाया। नेत्र रोग विभाग आई बैंक के डॉक्टरों ने बताया कि नेत्रदान मरणोपरांत दान है, जो स्वैच्छिक है और विशुद्ध रूप से समाज हित के लिए है. नेत्रदान के लिए लोगों को आगे आना चाहिए.
डॉक्टरों की टीम ने दिवंगत की पत्नी क्षिप्रा चक्रवर्ती, बेटे रविशंकर चक्रवर्ती, बेटी नवनीता भट्टाचार्य का आभार व्यक्त किया.