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दौसा: डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने आभानेरी फेस्टिवल में की शिरकत, स्वदेशी अपनाने का दिया बड़ा संदेश

दौसा: जिले के बांदीकुई क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक धरोहरों – विश्व प्रसिद्ध चांद बावड़ी एवं हर्षद माता मंदिर, जो  8वीं और 9वीं शताब्दी की स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है. इनके व्यापक प्रचार प्रसार एवं यहां आने वाले पर्यटकों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से रुबरु कराने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा 26 एवं 27 सितम्बर को आभानेरी फेस्टिवल का विशेष आयोजन किया गया.  इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी फेस्टिवल में शिरकत की. उनके आगमन पर पारंपरिक रीती -रिवाजो के साथ भव्य स्वागत किया गया, जो राजस्थान की संस्कृतिक गरिमा को दर्शाता है.

डिप्टी सीएम दीया ने विश्व प्रसिद्ध आभानेरी चांद बावड़ी का दीदार करते हुए हर्षद माता के दर्शन किए. करीब 20 मिनट तक हर्षद माता के विशेष पूजा अर्चना की. आभानेरी फेस्टिवल में पद्मभूषण से सम्मानित अनवर खान ने विशेष प्रस्तुति पेश की. मीडिया से रूबरू होते हुए डिप्टी सीएम दीया कुमारी बोली वर्ल्ड टूरिज्म डे है जिस पर आज मैं आभानेरी फेस्टिवल में आई हूं.

आठवीं शताब्दी में निर्मित आभानेरी की चांद बावड़ी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत उदाहरण है. जब भी हमारे प्रधानमंत्री किसी स्थान पर जाते हैं, वे भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं. हमें भी चाहिए कि हम अपनी धरोहरों को जानें, देखें और पूरे विश्व को उनके बारे में बताएं.

आभानेरी फेस्टिवल में सभी लोग आएं, इस ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण करें और इसे नज़दीक से जानें. यह बावड़ी न सिर्फ स्थापत्य का चमत्कार है, बल्कि विश्व की सबसे सुंदर और भव्य बावड़ियों में से एक है. हमारा प्रयास होना चाहिए कि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आएं और भारत की इस अनमोल धरोहर को देखें.

आभानेरी फेस्टिवल के दौरान राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने स्वदेशी को बढ़ावा देने का आह्वान किया. उन्होंने कुम्हार के चाक के सामने बैठकर स्वयं मिट्टी का दीपक बनाकर न सिर्फ कला को सम्मान दिया, बल्कि स्वदेशी अपनाने का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया.

दीया कुमारी ने कहा, “हमें इस दिवाली संकल्प लेना चाहिए कि हम मिट्टी से बने दीपकों का ही उपयोग करें। हमें भारत में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। लोकल चीजें खरीदने के लिए ‘वोकल’ होना होगा, तभी हमारे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और उन्हें रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में निर्मित वस्तुएं न केवल सुंदर होती हैं, बल्कि गुणवत्ता में भी किसी से कम नहीं। हमें गर्व से ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाना चाहिए और हर अवसर पर स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए.

पर्यटन विभाग की ओर से लगातार आयोजित इस उत्सव एवं क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों के फलस्वरुप गत वर्षों में आभानेरी आने वाले विदेशी पर्यटकों के साथ देशी पर्यटको की संख्या में इजाफा हुआ है.

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