दौसा: राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनियों को पाठ्यक्रम से हटाए जाने के निर्णय ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. इस फैसले के विरोध में शनिवार को दौसा के पंडित नवल किशोर शर्मा पीजी कॉलेज के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई ने जोरदार प्रदर्शन किया.
जिला अध्यक्ष विजेंद्र गुर्जर के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और निर्णय को लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध बताया. विजेंद्र गुर्जर ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की जीवन गाथाओं को सिलेबस से हटाने के आदेश दिए हैं. यही नहीं, ढाई करोड़ रुपए खर्च कर छप चुकीं करीब 5 लाख किताबें भी वापस मंगवा ली गई हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार का यह इरादा है कि इन पुस्तकों में आरएसएस नेताओं के नाम जोड़े जाएं, जबकि देश की आज़ादी के असली नायकों के योगदान को नजरअंदाज किया जाए. गुर्जर ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बना देना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो मानसिक रूप से संतुलित नहीं लगता. मुख्यमंत्री तो हिम्मत नहीं जुटा पा रहे, लेकिन हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हैं कि ऐसे कुंठित मानसिकता वाले मंत्री को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए.
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की कि स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से जुड़ी सामग्री को पाठ्यक्रम में यथावत रखा जाए और इस मंदबुद्धि शिक्षा मंत्री को मंत्री पद से तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए. इस प्रदर्शन में एनएसयूआई के अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे और एक सुर में शिक्षा मंत्री के फैसले को शिक्षा के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ बताया.