दौसा: जिला परिवहन विभाग परिसर में एक निजी ट्रेवल्स की बीएस को कागजात की जांच के बाद रोक दिया गया, जिससे बस में सवार करीब 104 यात्री बीते 12 घंटे से परेशान है. इस बस में बुजुर्ग महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और छोटे- छोटे बच्चे भी शामिल है. जिनकी स्थिति लगातार बिगड़ रही है. जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने कागजात जांच के दौरान बस में कुछ खामियां पाए जाने पर उसे बंद कर दिया. विभागीय अधिकारीयों का कहना है कि बस का टैक्स बकाया होने के कारण उसे जब्त किया गया है. इस कार्रवाई के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.
जिला परिवहन विभाग परिसर में ही बस यात्रियों को रोककर रखा गया है, जहां इस बस में सवारियों में कई महिलाएं, गर्भवती महिलाएं, कई वृद्ध महिलाएं समेत छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है. जिला परिवहन विभाग की ओर से एक निजी बस ट्रेवल्स की बस को रोक कर कागजात चेक किए गए तो उसमें खामियां आने पर उसे बंद कर दिया गया. दौसा परिवहन विभाग के अफसर का कहना था बस का टैक्स बकाय होने के कारण उसे रोककर बंद किया गया है इस बस में करीब 104 यात्री सवार थे जिनमे महिलाएं, छोटे-छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाए भी शामिल थी.
जिला परिवहन विभाग के डीटीओ संदीप भारद्वाज का कहना है स्लीपर कोच बस नियम के अनुसार नहीं बनी हुई है. यह स्लीपर क्लास की बस है, जो एसी बसों में शामिल होती है, साथ ही इसमें एग्जिट इमरजेंसी गेट नहीं है. एसे में दुर्घटना होने पर संभावनाएं बन जाती है कि एग्जिट गेट होना चाहिए अगर बस में भविष्य बस दुर्घटना होगी तो काफी संख्या में लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिलेगा.
ऐसे वाहनों को सीज करने के निर्देश हैं और इनका बस बॉडी का पुनः निरीक्षण कर ASI-119 के नियमों के अनुसार बस को बनवाने के बाद ही बस मालिक से शपथ पत्र लिया जाएगा. उसके बाद ही गाड़ी छोड़ी जाएगी. इस पर भारी जुर्माना लगेगा.
बस में सवार यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था कर उन्हें भेजा जाएगा. अगर बस टूर के रूप में है तो समुचित रेट पर वाहन उपलब्ध करवाया जाएगा. यदि इस बस में सवार यात्री है तो कंडक्टर को किराया वापस करना पड़ेगा. इस खतरनाक अवस्था में हम बस को आगे ले जाने की हम परमिशन नहीं देंगे.
बस में सवार महिला यात्री सपना का कहना है बस रात 2बजे से दौसा परिवहन विभाग के अंदर है हमें आज हमारे गंतव्य स्थान नेपाल पर पहुंचना था हम सबको इमरजेंसी होने के कारण हमें हमारे घर जाना था लेकिन अभी तक हम राजस्थान में ही है अब देखते हैं कि सरकार क्या वैकल्पिक व्यवस्था करेगी उसके बाद ही कुछ कहना संभव हो पाएगा.
बस में सवार यात्री किशन थापा नेपाल निवासी का कहना था कि हम सूरत गुजरात स्लीपर कोच बस में 2 सितंबर को रवाना हुए थे बस में सवार 50% महिला और पुरुष सहित बच्चे शामिल है रात 1:00 बजे दौसा के परिवहन विभाग ने बस को बंद किया था
जहां पर 12 घंटे हो जाने के बाद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है. हमारे पास खाने-पीने के लिए पैसे नहीं है निजी ट्रेवल्स संचालक को हमने पूरा किराया दे दिया है. अब हमारे पास नेपाल पहुंचने के लिए पैसा नहीं है बस यात्री नेपाल निवासी का कहना था कि बस समिति बस मालिक या राजस्थान सरकार हमें नेपाल पहुंचाए.