मार्कशीट, माइग्रेशन और ट्रांसक्रिप्ट से लेकर होस्टल और रैगिंग से जुड़ी शिकायतों को लेकर अब विद्यार्थियों को बार-बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। अब वह घर बैठे ही अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। विश्वविद्यालय इसके लिए एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन पर कार्य कर रहा है।
इन शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में किया जाएगा। खास बात यह है कि डीएवीवी प्रदेश का पहला शैक्षणिक संस्थान बन चुका है, जिसने विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों के अनुसार, इसका लाभ दूर-दराज के क्षेत्रों और जिलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा, जिसमें यूटीडी और कालेजों में अध्ययनरत आठ लाख विद्यार्थी शामिल हैं।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
शिकायतों की समीक्षा की गई
अप्रैल में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में मोबाइल एप्लीकेशन को लेकर सदस्यों ने मंजूरी दी थी। इस संबंध में मई के अंतिम सप्ताह में कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने विभागाध्यक्षों और अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें छात्र-छात्राओं की समस्याओं और शिकायतों की समीक्षा की गई।
शिकायतें संबंधित विभागों तक देर से पहुंच रही थीं। इस कारण विद्यार्थियों को समाधान के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए कुलगुरु ने मोबाइल एप्लीकेशन बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
कंपनी मोबाइल एप के नए फीचर्स जोड़ेगी
निजी आईटी कंपनी एप्लीकेशन के विकास में जुटी है। पिछले सप्ताह विभागों की ओर से शैक्षणिक-अकादमी और विद्यार्थी सुविधा से जुड़ी शिकायतों की सूची तैयार की गई है। इसके आधार पर कंपनी मोबाइल एप्लीकेशन में नए फीचर्स जोड़ेगी। सहायक कुलसचिव डॉ. विष्णु मिश्रा ने बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन पर काम शुरू हो चुका है और यह सितंबर तक विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेगी।
समस्या का समाधान सात दिन में करना होगा
विश्वविद्यालय ने प्रत्येक समस्या के लिए समयावधि निर्धारित की है। संबंधित विभाग को कम से कम तीन दिन में शिकायत का निराकरण करना होगा। साथ ही, सात दिन में समाधान करने के साथ ही शिकायतों को बंद करना होगा। प्रत्येक महीने कुलगुरु एप्लीकेशन पर दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा करेंगे।
पूर्व विद्यार्थी भी कर सकेंगे शिकायत
यह मोबाइल एप्लीकेशन केवल शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नहीं है, बल्कि पूर्व विद्यार्थी भी इस पर शिकायत कर सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार, विश्वविद्यालय के अध्ययनशाला में पढ़ने वाले 25 हजार और 210 कालेजों के आठ लाख विद्यार्थियों को एप्लीकेशन का लाभ मिलेगा।
एप्लीकेशन की कार्यप्रणाली
- विद्यार्थियों को मोबाइल में एप्लीकेशन को डाउनलोड करना होगा।
- संबंधित विभाग पर क्लिक करने के बाद विद्यार्थियों को शिकायत दर्ज करनी होगी।
- दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे।
- छह घंटे के भीतर शिकायत को संबंधित विभाग में भेजा जाएगा।
- शिकायत का निराकरण करने से पहले कर्मचारियों को विद्यार्थियों से चर्चा करनी होगी।
- तीन स्तर पर अधिकारियों को एप्लीकेशन की निगरानी करने की जिम्मेदारी मिलेगी।
इन शिकायतों का करेंगे समाधान
- शिक्षण पद्धति व प्रणाली।
- नामांकन में देरी।
- सीनियर द्वारा रैगिंग।
- होस्टल में पानी, सुरक्षा सहित अन्य समस्याएं।
- मेस में खराब खाना।
- कैंपस में सुरक्षित माहौल का अभाव।
- मूल्यांकन में त्रुटियां।
- मार्कशीट, माइग्रेशन और ट्रांसक्रिप्ट में देरी।
- शैक्षणिक संस्थान और होस्टल में सफाई का अभाव।
- रिजल्ट से असंतोष।
- रिजल्ट जारी न होना।