चंदौली: मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के हनुमानपुर रावत बस्ती (वार्ड नंबर 2) के निवासियों ने शनिवार को शराब ठेका खोलने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया.
यह ठेका चतुर्भुजपुर के नाम से आवंटित है, लेकिन इसे घनी आबादी वाले हनुमानपुर रावत बस्ती में खोले जाने की तैयारी पर लोगों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की, प्रदर्शनकारियों ने कालीमहाल चौराहे पर सड़क जाम कर अपनी आवाज बुलंद की.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
घनी आबादी में ठेका खोलने से नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि, आबकारी विभाग ने शराब ठेका संचालन के लिए लॉटरी प्रक्रिया के तहत लाइसेंस जारी किया है, जिसका संचालन 1 अप्रैल से होना है, लेकिन ठेका चतुर्भुजपुर में आवंटित होने के बावजूद रावत बस्ती में खोला जा रहा है, क्षेत्र के लोग इसे आबकारी नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं, प्रदर्शनकारियों ने बताया कि घनी आबादी और धार्मिक स्थलों के पास ठेका खुलने से सामाजिक और सुरक्षा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
लोगों ने कहा कि क्षेत्र में पहले भी शराब के कारण अपराध हुए हैं, जिसमें एक महिला की हत्या जैसी गंभीर घटना शामिल है। उनका मानना है कि ठेका खुलने से युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां बढ़ेंगी.
सूचना पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी डीडीयू नगर और उपजिलाधिकारी डीडीयू नगर ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और जाम समाप्त कराया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने डीएम, एसडीएम, कोतवाल और विधायक से पहले भी ठेका हटाने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
आबकारी नियमों के उल्लंघन का आरोप
जानकारों की माने तो उत्तर आबकारी अधिनियम के तहत शराब की दुकान केवल आवंटित स्थान पर खोली जा सकती है, धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों और घनी आबादी के पास शराब की दुकान खोलना नियमों का उल्लंघन है। चतुर्भुजपुर के लिए आवंटित ठेका रावत बस्ती में खुलने पर लोगों ने इसे स्पष्ट रूप से नियमों के खिलाफ बताया है.
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लोगों की शिकायत को गंभीरता से सुना लोगों ने मांग की है कि ठेके को तुरंत इस स्थान से हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रावत बस्ती और इसके आसपास शराब का ठेका खोला जाना पूरी तरह अस्वीकार्य है, उन्होंने ठेके को स्थानांतरित न किए जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। अब देखना है कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं.