उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ विरोधियों पर जमकर बरसे. उन्होंने महाकुंभ के खिलाफ बोलने वालों पर भी तगड़ा निशाना साधा. सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वो मिला. गिद्धों को लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली… जबकि, संवेदनशील लोगों को रिश्तो की सुंदर तस्वीर मिली, सज्जनों को सज्जनता मिली, व्यापारियों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली… जिसकी जैसी नियत थी, दृष्टि थी, उसको वैसा मिला.
सीएम योगी ने कहा, “आपने (विपक्ष ने) महाकुंभ के बारे में जो कहा, एक जाति विशेष के व्यक्ति को महाकुंभ में जाने से रोका गया, हमने कहा था कि जो लोग सद्भावना से जाते हैं, वे जा सकते हैं लेकिन अगर कोई दुर्भावना से जाता है, तो वे परेशानी में पड़ जाएंगे…हमने लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया, समाजवादी पार्टी की तरह, उनके सीएम के पास कुंभ की निगरानी और इसकी व्यवस्था देखने का समय नहीं था और इसलिए उन्होंने एक गैर-सनातनी को कुंभ का प्रभारी बना दिया.”
सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में यह भी कहा कि यह लोग (सपा) लगातार महाकुंभ पर टिप्पणी करते रहते हैं, इनकी मानसिकता जग जाहिर है. इनको हर चीज का विरोध करना है, काम भले ही अच्छा हो. यह वर्ष भारत के संविधान का अमृत महोत्सव वर्ष है. आखिर, समाजवादी कब से डॉ. अंबेडकर को सम्मान देने लगे. कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ अंबेडकर के नाम पर था, किसने बदल दिया… सब पता है.
बकौल सीएम योगी- डॉ आंबेडकर से जुड़े पंच तीर्थ का निर्माण भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कराया. लखनऊ में डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण भी डबल इंजन की सरकार करा रही है. इतना ही नहीं प्रयागराज में निषाद राज और भगवान राम की 46 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण भी हमारी सरकार ने कराया. हमने पिछले 8 सालों में उत्तर प्रदेश की पहचान को बढ़ाने के लिए काम किया है.
सपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि गेस्ट हाउस कांड पर तो चर्चा नहीं करना चाहता हूं, महिलाओं के प्रति आपका नजरिया क्या है ये सबको पता है. महापुरुषों के प्रति आपका नजरिया क्या है किसी से छिपा नहीं है, जिसका क्राइम दुनिया ने देखा हो उसको कहीं से क्लीन चिट मिल जाए ये मंशा थी, उस कथन से आप लोग कभी छुटकारा नहीं पा सकते, समाजवादी पार्टी के आचरण से हर सभ्य समाज हमेशा भयभीत रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “नेता प्रतिपक्ष को आपत्ति थी कि बीजेपी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र और राज्यपाल के अभिभाषण में महाकुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने के लिए क्यों उल्लेख किया… महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय सुविधा न होती तो अब तक 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उसका हिस्सा नहीं बनते… मैं भारत के हर महापुरूष को सम्मान देता हूं जिसने भारत में जन्म लिया है.”