स्वीडन में मंगलवार देर रात (28 मई) को किसी ने एक मस्जिद के बाहर मरा हुआ सूअर फेंका दिया. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, स्वीडिश पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यह घटना साउथ स्वीडन के स्कोवडे शहर में हुई.
पुलिस ने कहा कि घटना के बाद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा करने की शिकायत दर्ज कर ली गई है. मामले की जांच की जा रही है. मस्जिद चलाने वाली संस्था के प्रमुख स्माजो सहात ने बताया कि पहले उन्हें कोई जानवर मिलने की जानकारी थी, पर जब वहां जाकर देखा तो वह मरा हुआ जंगली सूअर था.
सूअर किसने फेंका अब तक पता नहीं
उन्होंने बताया कि देर रात एक व्यक्ति कार में आया था, जिसने सूअर को मस्जिद के पास फेका. वह कौन था, कहां से आया था, हम नहीं जानते, लेकिन उसकी हरकत मस्जिद में लगे CCTV कैमरे में कैद है.
स्माजो सहात ने बताया कि यह मस्जिद एक साल पहले ही खुली है. तब से मस्जिद के खिलाफ कोई धमकी नहीं मिली थी. अब हम सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं कि यह सब किसने किया है, बाकी यह जांच का मामला है. इस मस्जिद से लगभग 1000 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हैं.
स्वीडन ने मई की शुरुआत में लोगों को कुरान जलाने की परमिशन दी थी
शरणार्थियों की समस्या से जूझ रहे स्वीडन में काफी समय से मुस्लिमों के खिलाफ नफरत की घटनाएं सामने आई हैं. इस साल मई की शुरुआत में स्वीडन की सरकार ने लोगों को कुरान जलाने के एक मामले में परमिशन दी थी. यह परमिशन उस शहर में दी गई थी, जहां मरा सूअर मिला है. इस पर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने आपत्ति जताई थी. OIC ने स्वीडन से मुस्लिमों की पवित्र किताब को न जलाने की अपील की थी.
स्वीडन में मस्जिद के बाहर जलाई गई थी कुरान
स्वीडन में इस साल फरवरी में एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था. इससे पहले उसी व्यक्ति ने ईद-अल-अजहा के मौके पर जून 2023 को स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था. इसके लिए उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी.
CNN के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी. इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था. रॉयटर्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी थी.
इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया. प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में, तो कुछ विरोध में नारे लगाए. इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका था. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था.
UN में इस्लामोफोबिया के खिलाफ पाकिस्तान-चीन ने कराई वोटिंग
स्वीडन में लगातार कुरान जलाए जाने पर कई मुस्लिम देशों ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद मार्च में संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली में इस्लामोफोबिया (इस्लाम से नफरत) के खिलाफ प्रस्ताव पास करने पर वोटिंग हुई थी. ये प्रस्ताव चीन के सहयोग से पाकिस्तान लाया था. भारत इस वोटिंग में शामिल नहीं हुआ था. पाकिस्तान ने इस्लामोफोबिया के जिक्र में CAA और राम मंदिर का भी जिक्र किया. UN में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने इसकी कड़ी आलोचना की.
UN में भारत ने कहा कि सिर्फ एक धर्म नहीं बल्कि सभी धर्मों के नाम पर होने वाले हर भेदभाव की आलोचना की जानी चाहिए. चाहे वो यहूदी हों, मुस्लिम हों या ईसाई. रुचिरा ने ये भी कहा कि भेदभाव सिर्फ अब्रहाम से जुड़े धर्मों तक सीमित नहीं है. रुचिरा ने कहा- दशकों से सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दूसरे धर्म भी भेदभाव और नफरत का शिकार हुए हैं। हिंदुओं, बौद्ध और सिखों से भी भेदभाव होता है.