कटनी : माधवनगर थाना अंतर्गत माधवनगर मेन बाजार स्थित बमचक ढाबा 16-17 जनवरी की दरम्यानीरात विवाद की सूचना पर न्यूज कवर करने गए पत्रकार प्रभाकर सिंह पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में आज पत्रकार लामबंद हुए और लामबंद होकर आरोपियों पर प्रभावी कार्रवाई व गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे.
जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संतोष डेहरिया को एक ज्ञापन सौंपकर मामले की गंभीरता से जांच करते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने व गिरफ्तारी की मांग की. पुलिस अधीक्षक को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संतोष डेहरिया को दिए गए शिकायती पत्र में पत्रकार साथियों का कहना है कि घटना के बाद आरोपियों के विरूद्ध की गई अब तक की कार्रवाई से पत्रकार साथी संतुष्ट नहीं हैं.
पत्रकार प्रभाकर सिंह के साथ की गईं मारपीट मे आरोपियों पर धाराएं बढ़ाकर गिरफ्तारी की जाए और जेल भेजा जाए. गौरतलब है कि पत्रकार प्रभाकर सिंह के ऊपर माधवनगर थाना अंतर्गत मेनरोड स्थित बमचक ढाबा के सामने न्यूज कवरेज के दौरान कुछ युवकों ने हमला कर गंभीर चोट पहुंचाई थी.
प्रभाकर का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा हैं. पत्रकार प्रभाकर सिंह ने पुलिस को दिए गए बयान में नामजद आरोपियों के नाम बताए थे तथा पुलिस ने भी अस्पताल में देख लिया था कि गंभीर चोट लगी हुई है. इसके बावजूद भी पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध साधारण धाराओं में मामला दर्ज किया जबकि प्रभाकर पर अपराधियों के द्वारा प्राण घातक हमला किया गया है, जिससे उसकी जान भी जा सकती थी.
उसके पैर मे गंभीर चोट आई और उसके घुटने का ऑपरेशन किया गया हैं. अत: पुलिस अपराध को देखते आरोपियों के विरुद्ध धाराएं बढ़ाकर न्याय उचित कार्यवाही करे. समस्त पत्रकार साथियों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया को एक ज्ञापन पत्र दिया.
बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद भी इन बदमाशों को किसी का किसी भी प्रकार का डर है ना खौफ है. अब देखना यह है कि यहां के पुलिस प्रशासन कितनी जल्द से जल्द इनकी अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगा पाती है कि नहीं। समस्त पत्रकार साथियो नें सौपे गए ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि यह घटना न केवल पत्रकारिता के स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि समाज के हर व्यक्ति के अधिकारों की भी अवहेलना है.
ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मारपीट की इस घटना की पूरी तरह से निष्पक्ष और तत्परता से जांच की जाए. संबंधित आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. भविष्य में पत्रकारों के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीडऩ की घटना पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए.
वही अपराध की स्थिति को देखते हुए आरोपियों पर धाराएं बढ़ा कर वैधानिक कार्रवाई की जाए. यदि 24 घंटे के अंदर कोई भी वैधानिक कार्रवाई नहीं होती तो कटनी के समस्त पत्रकार साथी एक साथ होकर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.