सोनभद्र : सुकुत में अवैध खनन और नियमों की अनदेखी का सिलसिला जारी है.रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के वशिष्ट इंटरप्राइजेज की खदान में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें ब्लास्टिंग (विस्फोट) के दौरान पत्थर की चपेट में आने से दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. इन मजदूरों को तुरंत ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है.यह घटना एक बार फिर खनन माफिया और लापरवाह प्रशासन की मिलीभगत पर सवाल उठाती है.
यह खदान एक दलित बस्ती के पास स्थित है, जहां बिना किसी डर के मौत का खेल खेला जा रहा है.खनन पट्टाधारक बेखौफ तरीके से ब्लास्टिंग कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ मजदूरों की जान खतरे में है, बल्कि आस-पास के रहवासियों में भी डर का माहौल है.
प्रशासन की ‘खामोशी’ और जानलेवा लापरवाही
जिले में पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.ऐसा लगता है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, तभी उसकी नींद खुलेगी.खदानों में सुरक्षा के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, न तो मजदूरों को सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं और न ही ब्लास्टिंग के दौरान उचित सावधानियां बरती जाती हैं.
इस तरह की लापरवाही से साफ है कि खनन अधिकारी और प्रशासन, पट्टाधारकों के साथ मिलकर नियमों को ताक पर रख रहे हैं.यह सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि यह खनन माफिया की दबंगई और जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता का नतीजा है.स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही माफिया का मनोबल बढ़ा हुआ है.
प्रशासन को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और न सिर्फ खदान संचालक पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि उन अधिकारियों की भी जवाबदेही तय करनी चाहिए, जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ है.मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नियमों का पालन करवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिसे वे निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं.