कानपुर के इंद्रानगर चौराहे पर मंगलवार को हुई एक घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के चलते चल रहे VIP मूवमेंट के दौरान एक बुजुर्ग की मौत हो गई। आरोप है कि अधिकारियों की हड़बड़ी और रास्ता रोकने की वजह से समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिसके चलते बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इंद्रानगर चौराहे पर अचानक ट्रैफिक रोक दिया गया क्योंकि मुख्यमंत्री का काफिला गुजरना था। इसी दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति को गंभीर स्वास्थ्य समस्या हुई और परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अमले ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। परिजन गाड़ी लेकर फंसे रहे और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके।
करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद जब रास्ता खुला तब तक बुजुर्ग की हालत बिगड़ चुकी थी। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने अफसरों की प्राथमिकताओं और VIP मूवमेंट की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि VIP मूवमेंट के नाम पर आम जनता की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर भारी विरोध देखने को मिला और लोगों ने सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया।
विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि VIP संस्कृति ने एक निर्दोष की जान ले ली। उन्होंने मांग की कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
वहीं प्रशासन की ओर से सफाई दी गई है कि ट्रैफिक रोकने की कार्रवाई सुरक्षा कारणों से की गई थी। अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें बुजुर्ग की गंभीर स्थिति की जानकारी नहीं थी। हालांकि, इस बयान से आक्रोश कम नहीं हुआ है।
कानपुर की यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि उस बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है, जहां VIP सुरक्षा के चक्कर में आम नागरिकों की जिंदगी दांव पर लग जाती है। सवाल यह है कि आखिर कब तक सुरक्षा के नाम पर जनता को ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी