बिलासपुर कानन जूलॉजिकल पार्क में लॉयन ‘भीम’ की मौत: 15 दिनों से छोड़ा था खाना, किडनी इंफेक्शन से बढ़ रही वन्य प्राणियों की मौत..

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कानन-पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में लॉयन ‘भीम’ की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शेर 15 दिन से बीमार था और खाना छोड़ दिया था। प्रबंधन का कहना है कि किडनी में इंफेक्शन के चलते उसकी मौत हुई है।

Advertisement

गुजरात के गिर नेशनल पार्क के विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह पर उसका इलाज चल रहा था। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। इधर, जूलॉजिकल पार्क में किडनी फेल होने से लगातार वन्य प्राणियों की मौत पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले भी 2 बाघ शावकों की मौत किडनी इंफेक्शन से हो चुकी है। कुछ और वन्यप्राणी भी इस बीमारी का शिकार हुए हैं। यहां इस बीमारी का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह भी बेअसर साबित हो रही है।

रोहतक जू से कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में लाए गए लायन भीम की तबीयत बीते 17 फरवरी को खराब हो गई थी। तब से उसने खाना छोड़ दिया था। वह केवल पानी पी रहा था। शुरुआत के दो-चार दिनों तक प्रबंधन ने ऐसे ही उसका इलाज किया। तब जूलॉजिकल पार्क के डॉ. चंदन शहर से बाहर थे। उनके लौटने के बाद उसका इलाज शुरू हो सका।

कुछ भी खाने से हो रही थी उल्टी

इस दौरान बीमार शेर ने मटन खाना छोड़ दिया था। वो कुछ खाता तो उल्टी कर देता था। पानी ज्यादा पी रहा था, लेकिन किडनी इंफेक्शन नहीं रुका। यूरिया का स्तर बढ़ गया था। दवाइयां असर नहीं कर रही थीं। गिर नेशनल पार्क के विशेषज्ञ डॉ. आरएफ काड़ीवार जूनागढ़ से लगातार परामर्श दे रहे थे। ब्लड रिपोर्ट भेजी जा रही थी। बताई गई दवाएं भी बेअसर रहीं। आखिरकार, मंगलवार को लॉयन ने दम तोड़ दिया।

वन्य प्राणी लगातार किडनी इंफेक्शन का हो रहे शिकार

यहां जू में वन्यप्राणी लगातार किडनी इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं। यहां इस बीमारी का इलाज संभव नहीं हो पा रहा। विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह भी बेअसर साबित हो रही है। इससे पहले भी बाघ के दो शावकों की मौत किडनी इंफेक्शन से हुई थी।

इसके साथ ही दूसरे वन्य प्राणियों की मौत भी किडनी की बीमारी के चलते हो चुकी है। आखिर वन्यप्राणियों को किडनी इंफेक्शन क्यों हो रहा है। खान-पान में ऐसा क्या है, जो उन्हें प्रभावित कर रहा है। यह समझने में प्रबंधन नाकाम है।

इधर, लॉयन की मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया। सीजेडए के निर्देशानुसार कानन पेंडारी में ही शव को जलाया गया।

तीन साल पहले रोहतक लाया गया था लॉयन ‘भीम’

भीम का जन्म कानन पेंडारी जू में नहीं हुआ है। बल्कि उसे साल 2022 में हरियाणा के रोहतक जू से बिलासपुर लाया गया था। अभी उसकी उम्र पांच साल थी।

कोरोना के बाद शुरू हुआ वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला

जू में कोरोना काल के बाद साल 2022 जनवरी के बाद से लगातार वन्य प्राणियों की मौत सिलसिला चल रहा है। इस दौरान बाघिन रजनी और चेरी के बाद मौसमी की अप्रैल 2022 में मौत हो गई थी। इस ढाई महीने में कानन जू में 9 वन्यप्राणियों की मौत से वन प्रबंधन सकते में आ गया था।

12 फरवरी 2022 में 4 साल की मादा हिप्पोपोटामस सहेली की मौत हुई थी। दूसरी तरफ 266 दिन तक इलाज के बाद मादा बाघिन रजनी ने 3 मार्च 2022 को दम तोड़ दिया था। 18 अप्रैल 2022 को लायनेस मौसमी की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद बाघिन ‘रंभा’ के नर शावक ‘मितान’ और रश्मि की मौत हो गई थी।

वहीं, दो साल पहले तेंदुए की मौत हो गई। तेंदुए को वन विभाग ने रेस्क्यू कर पकड़ा था। तखतपुर क्षेत्र के बिनौरी के जंगल से पकड़ा था। रेस्क्यू के दौरान वो घायल हो गया था।

Advertisements