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नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा, कोर्ट का सख्त फैसला

झारखंड के लोहरदगा में पांच साल की नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में लोहरदगा सिविल कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. यह मामला 2022 का है, जब बगडू थाना क्षेत्र में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी. कोर्ट में इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला मानते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है.

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मामले में कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाली लोक अभियोजक मिनी लकड़ा ने बताया कि दिसंबर 2022 में पांच साल की बच्ची को उसकी मां खाना खिलाकर बाकी बच्चों के साथ खेलने के लिए बाहर छोड़ गई थी. इस दौरान आरोपी इंदर उरांव वहां पहुंचा. उसने बाकी बच्चों को कुछ पैसे दिए और दुकान में कुछ खरीदकर खाने की बात कहकर वहां से भेज दिया.

इसके बाद वह पीड़िता को अपने साथ ले गया और दुष्कर्म करने के बाद उसने उसके शव को शौचालय के शॉवर के पास फेंक दिया. फिर उसे बोरे से ढक दिया. कुछ देर बाद जब बच्ची की मां अपनी बेटी को खोजने निकली, तो वह वहां नहीं मिली. उसके साथ खेल रही बच्चियों से पूछने पर उन्होंने बताया कि इंद्र उसे अपने साथ ले गया है.

इंद्र की तलाश करने पर वह एक ठेले पर चाऊमीन खाता मिला. बच्ची के बारे में पूछने पर वह वहां से भागने लगा. ग्रामीणों ने उसे पकड़ कर कड़ाई से पूछताछ की. इसके बाद उसने 5 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या और शव को झाड़ी के पास फेंकने की बात कबूल कर ली. नाबालिग की मां के बयान पर बगडू थाना में मामला दर्ज किया गया था.

इसमें न्यायालय ने आरोपी इंद्र उरांव को बच्ची की हत्या का दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है. उसे इसी मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है. यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने सुनाई. 14 साल में यह दूसरा मौका है जब लोहरदगा न्यायालय ने किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मिनी लकड़ा ने बहस की और आरोपी को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

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