भारत में दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ साल 1961 में भले ही कानून लाया गया, लेकिन आज भी शादियों में यह आम बात है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ें बताते हैं कि साल 2022 में 6,450 दहेज हत्याएं दर्ज की गईं. अब जरा सोचिए कि कानून बनने के बाद भी भारत में जहां आए दिन दहेज हत्या और उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं, वहीं अगर किसी मैट्रिमोनियल साइट पर खुलेआम दहेज की बात की जाए तो इस पर आप क्या कहेंगे? जाहिर है, भड़केंगे. इंटरनेट पर ऐसे ही एक ‘दहेज कैलकुलेटर’ फीचर को लेकर बहस छिड़ी हुई है.
‘दहेज कैलकुलेटर’ का ये फीचर मैट्रिमोनियल साइट Shaadi डॉट कॉम पर आपको देखने को मिलेगा, जिसके मालिक शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल हैं. इस फीचर के जरिए लोगों से पूछा जाता है वह कितना दहेज लेने के लायक हैं? जब आप शादी डॉट कॉम के इस फीचर को ओपन करेंगे, तो सामने सूटबूट में आपको एक व्यक्ति दिखेगा. वहीं, उसके आसपास घर, किताबें, कार और ढेर सारा पैसा नजर आएगा. इसके नीचे कुछ सवाल दिए गए हैं, जिनमें लोगों से उनकी उम्र, शिक्षा, नौकरी, आय, खुद का घर है या नहीं…जैसी चीजें पूछी गई हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जब आप इन सभी डिटेल्स को भर देंगे, तो आखिर में डाउरी अमाउंट कैलकुलेटर का एक बटन आएगा. लेकिन इससे पहले कि आप Shaadi डॉट कॉम वालों को जमकर कोसना शुरू कर दें, इस फीचर में एक जबरदस्त ट्विस्ट है. जब आप कैलकुलेटर बटन को क्लिक करेंगे, तब आपको इस फीचर की अहमियत का पता चलेगा.
बटन पर क्लिक करते ही एक मैसेज आता है, जिसमें लिखा है- 2001 से 2012 के बीच दहेज के चलते 91,202 मौते हुई हैं. इसके बाद दहेज लोभियों से सवाल किया गया है कि क्या अब भी वे यह जानना चाहते हैं कि वे कितने दहेज के लायक हैं. क्या उनके दहेज की कीमत किसी की जान से बढ़कर है. चलिए दहेज मुक्त समाज बनाएं और परिवर्तन लाएं.
एक एक्स यूजर ने ‘दहेज कैलकुलेटर’ का फीचर पोस्ट कर लिखा है, पहले तो मैं चौंक गया कि Shaadi डॉट कॉम पर ये क्या बवाल है. लेकिन यह फीचर वाकई में सम्मान के लायक है. यह दहेज लोभियों की आंखें खोलने वाला अद्भुत विचार है. देखते ही देखते यह पोस्ट वायरल हो गई और लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराने लगे.
कई यूजर्स ने जहां इस पहल की जमकर तारीफ की है, तो कुछ लोगों ने यह भी सवाल किया है कि हैंडसम सैलरी वाले इकलौते बेटे की तलाश भी दहेज से कम नहीं है. वहीं, एलिमनी के नाम पर मोटा पैसा लेना भी दहेज जैसा ही है.