हेट स्पीच केस: सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील पर 5 जुलाई को फैसला, विधायकी बचेगी या नहीं?

हेट स्पीच के मामले में हुई सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी द्वारा दाखिल अपील पर 5 जुलाई को जज अपना फैसला सुनाएंगे. और साथ ही उसी दिन यह तय होगा कि अब्बास की विधायकी बचेगी या फिर उन्हें ऊपरी अदालत की शरण में जाना पड़ेगा. अगर अब्बास अंसारी की सजा को लेकर कोर्ट द्वारा फैसला उनके पक्ष में आता है तो उस स्थिती में अब्बास की विधायकी वापस हो जाएगी और अगर अपील खारिज होती है तो फिर उस दशा में वह हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ पुनः अपील दाखिल करेंगे.

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हालांकि अब्बास अंसारी के वकील को न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि फैसला उनके ही पक्ष में आएगा. अपील पर आज सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी के वकील और सरकारी वकील दोनों पक्षों की बहस हुई पूरी हो चुकी है.

2022 का है मामला
आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ नगर कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुरा के मैदान में एक चुनावी जनसभा के दौरान मंच से अब्बास अंसारी ने चुनाव और सरकार बनने के बाद अधिकारियों की ट्रांफर पोस्टिंग रोककर उनसे हिसाब किताब करने संबंधी बयान दिया था. जिसके बाद नगर कोतवाली में तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद द्वारा अब्बास अंसारी सहित अन्य पर नफरती भाषण देने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

सजा के बाद विधानसभा सदस्यता रद्द
मुकदमे में जिरह और बहस के साथ ही सरकारी वकील के द्वारा कुल 6 गवाहों की गवाही कराई गई थी. जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट MP/MLA कोर्ट के जज डॉक्टर के.पी. सिंह ने 31 मई को अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई और 11 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया था. सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी. 9 जून को इस सजा के फैसले के खिलाफ अब्बास अंसारी के द्वारा मऊ की ऊपरी अदालत में अपील दाखिल की गई थी.

इस पर लगातार कई तारीखों पर कोर्ट में दोनों पक्षो द्वारा सुनवाई और बहस हुई. दाखिल अपील पर आज दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज ने सजा, दंडादेश व जमानत पर 5 जुलाई को फैसले की तारीख तय की. फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या 1 एमपी/एमएलए के जज राजीव कुमार वत्स द्वारा यह फैसला सुनाया जाएगा.

क्या बोले वकील?
अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि आज अब्बास अंसारी की अपील पर बहस हुई है. 5 जुलाई को न्यायालय के द्वारा इस पर आदेश आएगा. उस दिन अब्बास अंसारी आ भी सकते हैं और नहीं भी आ सकते हैं. बहस को लेकर उन्होंने बताया कि अभियोजन के केस में बहुत सारी अनियमितताएं हैं. विवेचना से लेकर ट्रायल स्तर तक बहुत सारी कमियां हैं. हमारे द्वारा बहस के दौरान जो भी बातें कही गईं उसका सही जवाब नहीं दिया गया. हमारे 12 मुकदमे में दो को हाईकार्ट ने निरस्त कर दिया है.

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