भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती श्रद्धा और उत्साहपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्मृति मंदिर पहुंचकर पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित की और उनके विचारों को वर्तमान राजनीति और समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
ख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। उनका जीवन सादगी, त्याग और राष्ट्रहित के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे पंडित दीनदयाल के आदर्शों को आत्मसात करें और समाजसेवा व राष्ट्रसेवा में सक्रिय योगदान दें।
साय ने कहा कि उपाध्याय जी ने “नवीन भारत” का जो संकल्प लिया था, उसे मूर्त रूप देने में कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी का सपना था कि समाज का कोई भी व्यक्ति शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सम्मान जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। उनका “अंत्योदय” का सिद्धांत आज भी भाजपा की नीतियों और सरकार की योजनाओं की आधारशिला है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने भगवान गणेश और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चलते हुए समाज में अंतिम व्यक्ति तक विकास और सुविधाओं को पहुंचाने के प्रयास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित यह आयोजन केवल स्मरण का अवसर नहीं बल्कि उपाध्याय जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी बना। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और जयंती को सेवा, समर्पण और राष्ट्रहित की भावना के साथ मनाया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।