छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर एक बार फिर कांग्रेस में घमासान हो गया है. पार्टी के ही पूर्व महामंत्री और AICC सदस्य अरुण सिसोदिया ने भूपेश बघेल को मानहानि का नोटिस भेज दिया है. इसमें कहा गया है कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सारा हंगामा भूपेश बघेल के कांग्रेस में स्लीपर सेल होने के बयान पर मचा है. एक दिए पहले भी सिसोदिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भूपेश बघेल के स्लीपर सेल वाले बयान के खिलाफ चिठ्ठी लिखी थी. फिलहाल भूपेश बघेल को माफी मांगने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
दरअसल, करीब 2 सप्ताह पहले भूपेश बघेल ने अरुण सिसोदिया के आरोपों पर कहा था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी तरह का कोई गबन या घोटाला नहीं हुआ है. जो भी भुगतान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से किया गया वह एक वैधानिक अनुबंध के तहत किया गया.
उन्होंने कहा था कि प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व पदाधिकारी ने जो भी शिकायत की है, वह भाजपा स्लीपर सेल का दुष्प्रचार है. उन्होंने कहा कि, पार्टी की अंदरूनी शिकायत करना और फिर उसे मीडिया में प्रचारित करना पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है यह निश्चित तौर पर पार्टी के भीतर रहकर भाजपा के स्लीपर सेल के लिए काम कर रहे लोगों को काम है.
वहीं अरुण सिसोदिया ने कहा 19 साल से कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं. बावजूद हमें कांग्रेस में स्लीपर सेल कहा गया. स्लीपर सेल, जो आतंकवादी समूह के साथ मिला हुआ होता है. हमें आतंकवादी समूह से जोड़ा गया. इसके लिए भूपेश बघेल सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे.
इससे पहले अरुण सिसोदिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को लिखी चिट्ठी लिखी थी, उसमें भी इसी बयान का जिक्र करते हुए भूपेश बघेल की शिकायत की गई थी. बघेल के बयान को उन्होंने आचार-संहिता का उल्लंघन बताया था. साथ ही बयान के माध्यम से समाज में में नफरत फैलाने का आरोप लगाया था.