भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के जहाज ने 17 नवंबर को सात भारतीय मछुआरों को बचाया. पाकिस्तानी मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी (PMSA) का जहाज PMS Nusrat इन मछुआरों को जबरदस्ती गिरफ्तार करके अपनी सीमा पर ले जा रहा था. यानी भारत और पाकिस्तान सीमा के पास से इन मछुआरों को पकड़ रहा था.
17 नवंबर 2024 की दोपहर साढ़े तीन बजे भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजी अग्रिम (ICG Agrim) के पास एक इमरजेंसी कॉल आई. यह एक डिस्ट्रेस कॉल थी यानी मदद के लिए बुलावा. यह कॉल आई थी भारतीय फिशिंग बोट कालभैरव से. जो नो-फिशिंग जोन (NFZ) के पास मछली पकड़ रहा था. इसे पाकिस्तानी जहाज ने इंटरसेप्ट कर लिया था. रोक लिया था. उस पर मौजूद सातों मछुआरों को पकड़ कर पाकिस्तान ले जाने का प्लान था.
लेकिन आईसीजी अग्रिम ने फुल स्पीड में जाकर पाकिस्तानी जहाज नुसरत को रोका. दो घंटे तक चूहे-बिल्ली की तरह समंदर में रेस चलती रही. इसके बाद पाकिस्तानी जहाज को कहा कि भारतीय मछुआरों को छोड़ दिया जाए. आखिरकार धमकी और समझाइश काम आई. पाकिस्तानी जहाज ने मछुआरों और नाव को छोड़ दिया. लेकिन कालभैरव नाव टूट गई थी. जिसकी वजह से वह समंदर में ही डूब गई.
इसके बाद आईसीजी अग्रिम जहाज मछुआरों को लेकर गुजरात को ओखा बंदरगाह पर 18 नवंबर को वापस आई. अब खुफिया एजेंसियां, राज्य की पुलिस और कोस्टगार्ड मिलकर उन मछुआरों से पूछताछ कर रही हैं. साथ ही यह भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि ये टकराव समंदर में क्यों हुआ?