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महाकुंभ में हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश में हुई देरी, एविएशन कंपनी के CEO और पायलट पर FIR

प्रयागराज महाकुंभ में योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए तमाम इंतजाम किए हैं. महाकुंभ में आने वाले लोग इसकी तारीफ भी कर रहे हैं. लेकिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर समय से श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा नहीं हो सकी. ऐसे में अब इस मामले में सरकार ने सख्त तेवर दिखाए हैं. एविएशन कंपनी के सीईओ, पायलट सहित तीन लोगों पर FIR दर्ज कराई गई है.

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आरोप है कि कंपनी ने बिना सूचना दिए हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया था, जिस वजह से महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर समय से पुष्प वर्षा नहीं हो सकी. FIR यूपी के सिविल एविएशन डिपार्मेंट के परिचालन प्रबंधन केपी रमेश की तरफ से महाकुंभ नगर की कोतवाली में दर्ज कराई गई है. हेलिकॉप्टर कंपनी के सीईओ रोहित माथुर, पायलट कैप्टन पुनीत खन्ना और परिचालक प्रबंधन के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई है.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा का निर्णय लिया था जिसमें एम.ए हेरीटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पौष पूर्णिमा के दिन सुबह से ही फूलों की बारिश की ज़िम्मेदारी दी गई थी. लेकिन बिना कोई सूचना दिए हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया गया था, जिस वजह से श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा नहीं हो सकी. इसके बाद दूसरा हेलिकॉप्टर बुलाया गया और शाम 4:00 के आसपास फूलों की वर्षा की गई. फिलहाल, केस दर्ज होने के बाद महाकुंभ पुलिस ने मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है.

बता दें प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला महाकुंभ 144 वर्ष बाद आया है. मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ मेले का पहला शाही स्नान था और अब अगला शाही स्नान मौनी अमावस्या पर यानी 29 जनवरी को है.

प्रयागराज महाकुंभ में इस बार संगम में पवित्र स्नान के लिए 6 प्रमुख तिथियां निर्धारित हैं-

पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी
मकर संक्रांति: 14 जनवरी
मौनी अमावस्या: 29 जनवरी
वसंत पंचमी: तीन फरवरी
माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी
महाशिवरात्रि: 26 फरवरी

कुंभ के लिए प्रयागराज आएंगे 45 करोड़ लोग

दुनिया का सबसे बड़ा मेला सज चुका है. ये वो मेला है जिसमें 140 करोड़ भारतियों में से लगभग 45 करोड़ हिस्सा लेने जा रहे हैं. लगभग डेढ़ महीने के इस मेले का नाम है महाकुंभ. वो महाकुंभ जो 12 साल बाद आता है. अब जहां डेढ़ महीने में करीब एक तिहाई भारतीय यानि 45 करोड़ हिंदुस्तानी एक ही शहर की सरजमीन पर होंगे. तो सुरक्षा भी तो अभूतपूर्व ही होगी. जमीन से आसमान तक, संगम से तट तक, शहर से गलियों तक, नाव से गाड़ियों तक. पानी के ऊपर से पानी के नीचे तक. रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, गाड़ियां, रेलगाड़ियां शायद ही ऐसी कोई चीज हो जो सुरक्षा एजेंसियों की पैनी निगाहों से बच या छुप जाए.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

70 लाख की आबादी वाले प्रयागराज में अगले डेढ़ महीने में लगभग 45 करोड़ लोग आने वाले हैं, यानि औसतन एक दिन में एक करोड़ लोग संगम पहुंचेंगे. इन 45 करोड़ लोगों की सुरक्षा करीब 75 हजार सुरक्षाकर्मियों के हाथों में होगी. इनमें यूपी पुलिस के अलावा तमाम सेंट्रल एजेंसियां और पैरामिलिट्री फोर्सेज़ शामिल हैं.

ये हैं सुरक्षा इंतजाम

75,000 सुरक्षा कर्मी, 70 जिलों की 50 हजार पुलिस, यूपी होमगार्ड्स, पीएसी, एटीएस, 2700 सीसीटीवी कैमरे, NSG के 100 कमांडो, एंटी टेरर स्कॉड (ATS), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF), 4,300 फायर सेफ्टी यूनिट, 56 थाने, 155 चौकी, 10 पिंक बूथ, 3 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, 400 महिला पुलिसकर्मी, 30 स्पाटर्स (गुप्तचर) की टीम, 123 वॉच टावर, फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर, आसमान और पानी वाले ड्रोन, डिजिटल वॉरियर्स. ब्लैक कैट कमांडो की भी तैनाती की गई है.

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