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FCRA रिन्यूअल में की देरी तो बंद होगी फंडिंग, विदेश से फंड लेने वाले NGO को गृह मंत्रालय का निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को सभी NGOs को FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण (रिन्यूअल) के लिए वैधता खत्म होने से कम से कम चार महीने पहले आवेदन जमा करने का निर्देश दिया है. ये कदम वक्त पर आवेदनों की प्रक्रिया सुनिश्चित करने और संगठनों की गतिविधियों में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए उठाया गया है.

दरअसल, FCRA 2010 के तहत विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. पंजीकरण प्रमाणपत्र सामान्य रूप से पांच वर्षों के लिए वैध होता है, जिसके बाद नवीनीकरण के लिए नया आवेदन जमा करना होता है.

गृह मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस में बताया कि FCRA, 2010 की धारा 16(1) के अनुसार, धारा 12 के तहत प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले प्रत्येक संगठन को अपने प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने से छह महीने पहले नवीकरण के लिए आवेदन करना होगा.

कानून के अनुसार, केंद्र सरकार को नवीनीकरण आवेदन प्राप्त होने की तारीख से 90 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करना चाहिए.

देरी से हो रहे थे आवेदन

गृह मंत्रालय ने देखा है कि कई संगठन अपने प्रमाणपत्र की समाप्ति तिथि से 90 दिन से भी कम समय पहले नवीनीकरण आवेदन जमा करते हैं. इस तरह की देरी से आवेदनों की जांच और सुरक्षा एजेंसियों से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता. नतीजतन, प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने पर ये स्वतः समाप्त माना जाता है और नवीनीकरण आवेदन लंबित रहने के कारण संगठन विदेशी अंशदान प्राप्त या इस्तेमाल नहीं कर पाते. इससे उनकी चल रही गतिविधियों में परेशानी खड़ी हो जाती है.

मंत्रालय की सलाह

गृह मंत्रालय ने अपने नोटिस में संगठनों को सख्त सलाह दी है कि वे अपने FCRA पंजीकरण के नवीकरण के लिए आवेदन समय से पहले और किसी भी स्थिति में प्रमाणपत्र की समाप्ति से कम से कम चार महीने पहले जमा करें. इससे आवेदनों की समय पर जांच और निपटान में सुविधा होगी और संगठनों की गतिविधियों में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं होगा.

मंत्रालय ने संगठनों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित समय सीमा का पालन करें, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा या वित्तीय बाधा से बचा जा सके.

विदेशी फंडिंग के नियम

विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 भारत में विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले संगठनों को नियंत्रित करता है. FCRA के नियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है कि विदेश से आने वाले पैसे का इस्तेमाल केवल स्वीकृत उद्देश्यों के लिए हो और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ इसका दुरुपयोग न हो.

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