दिल्ली की नवगठित विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा. विधानसभा सत्र के दौरान विधायी कार्यों के लिए बैठकें 24, 25 और 27 फरवरी को निर्धारित की गई हैं. 26 फरवरी को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रखी गई है. असेंबली सेशन को लेकर शनिवार को बुलेटिन जारी की गई, जिसके मुताबिक सत्र के पहले दिन यानी 24 फरवरी को सभी नवनिर्वाचित विधायक शपथ ग्रहण करेंगे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा.
आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कामकाज को लेकर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट्स एलजी के अभिभाषण के बाद 25 फरवरी को सदन के पटल पर रखी जाएंगी. इसके बाद उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी. 27 फरवरी को भी उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी और इसी दिन विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होगा.
बता दें कि बीजेपी ने कैग की लंबित रिपोर्ट्स को विधानसभा चुनाव के दौरान के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाया था. पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में कई बार कहा था कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर विधानसभा के पहले ही सत्र में कैग की सभी लंबित रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी. उन्होंने दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी हेडक्वार्टर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी अपना यह वादा दोहराया था. अब बीजेपी दिल्ली की नवगठित विधानसभा के पहले सत्र में कैग रिपोर्ट पेश करके पीएम मोदी का वादा पूरा करने जा रही है.
कैग रिपोर्ट को लेकर aap के खिलाफ कोर्ट गई थी बीजेपी
दिल्ली में aap के शासन के दौरान, भाजपा ने राज्य सरकार को सीएजी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. भाजपा ने aap सरकार पर अपने भ्रष्टाचार छिपाने के लिए कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने से रोकने का आरोप लगाया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कैग की रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई थी, जिसमें कई परियोजनाओं पर वास्तवित लागत से अधिक खर्च होने की बात कही गई थी. भाजपा और कांग्रेस ने कैग की लीक रिपोर्ट का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल और aap पर सत्ता में रहने के दौरान सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाया था.
लीक कैग रिपोर्ट में 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले के रिनोवेशन, टेंडर प्रक्रिया और इसके निष्पादन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की बात कही गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में इस बंगले में मरम्मत कार्यों के लिए 7.61 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, फिर परियोजना की लागत अप्रैल 2022 तक बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई- जो मूल अनुमान से 342 प्रतिशत ज्यादा था. बता दें कि यह वही बंगला है, जिसका इस्तेमाल अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था. बीजेपी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने नियमों का उल्लंघन करके तीन सरकारी बंगलों को मिलाकर अपने लिए भव्य मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कराया था. बीजेपी सरकार की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि वह इस बंगले में नहीं रहेंगी और इसे म्यूजियम बनाया जाएगा.