राजधानी दिल्ली में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही नकली दवाओं को लेकर आई शिकायतों के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ पंकज सिंह ने बुधवार को जानकारी दी कि राज्य के अलग-अलग इलाकों से कैंसर की दवाओं के 160 सैंपल एकत्र कर जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डॉ पंकज सिंह ने कहा कि सरकार ने रैंडम सैंपलिंग के तहत 160 दवाओं को चुना है. इन सैंपलों को जांच के लिए फार्मास्युटिकल लैब में भेजा गया है, जहां उनकी प्रमाणिकता का परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम तीन से चार दिनों के भीतर रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. यदि किसी भी दवा में डुप्लीकेसी या गुणवत्ता में कमी पाई गई, तो संबंधित लोगों और कंपनियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
स्वास्थ्य मंत्री ने की ये अपील
स्वास्थ्य मंत्री ने आम जनता से भी अपील की है कि वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की दवाइयां खरीदते समय सतर्कता बरतें और केवल अधिकृत मेडिकल स्टोर से ही दवाइयां लें. उन्होंने कहा कि यदि किसी को नकली या संदिग्ध दवाओं की जानकारी मिलती है तो वह स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दे, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके.
इस बीच, एलजी द्वारा दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) को भंग किए जाने पर उठ रहे सवालों पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने सफाई दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने DMC को भंग कर उसके सभी अधिकार अब स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय (DHS) को सौंप दिए हैं. अब से DHS, दिल्ली में डॉक्टरों के पंजीकरण से लेकर उनके दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जिम्मेदारी संभालेगा.
गड़बड़ी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
पंकज सिंह ने कहा, “हमने DMC को समाप्त कर DHS को रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया है. अब से नए डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन और अन्य कार्यवाही DHS की देखरेख में की जाएगी.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि DMC में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जाएगी और यदि वित्तीय गड़बड़ियों या अनियमितताओं के सबूत मिलते हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि डॉक्टरों और आम जनता को इस बदलाव से कोई असुविधा नहीं होगी. उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी हो ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.