आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सासंद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चीफ स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर प्रहार किया है. स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को दिल्ली सरकार पर आरोप DCW को बंद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार महिला आयोग को बंद करने पर अड़ी हुई है और उसने 181 महिला हेल्पलाइन को भी बंद कर दिया है.
स्वाति मालीवाल ने कहा कि आठ सालों में दिल्ली महिला आयोग ने महिलाओं से जुड़े 1,70,000 केसों की सुनवाई की लेकिन उनके हटने के बाद से दिल्ली सरकार इस संस्था को बंद करना चाहती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार DCW को बंद करने पर अड़ी हुई है और उनसे पिछले छह महीने में DCW को एक भी रुपया जारी नहीं किया है. हम ये भी देख रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने DCW का बजट इस साल 30 % तक कम कर दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि DCW चीफ का पद पिछले छह महीने से खाली पड़ा हुआ है. इसके अलावा दो अन्य पद भी खाली पड़े हैं. दिल्ली सरकार ने 181 हेल्पलाइन बंद कर दी है. स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस शहर को दुनिया की रेप कैपिटल कहा जाता है, वहां 181 हेल्पलाइन बंद कर दी गई.
स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल को लिखा पत्र
राज्यसभा सांसद ने बताया कि उन्होंने इस मसले पर दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है. स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है कि वो ऐसा कैसे कर सकते हैं. जिस राज्य का महिला आयोग सक्षम नहीं है, वहां की महिलाओं की सुरक्षा कैसे हो सकती है? मेरा मानना है कि सरकारें नहीं चाहती हैं कि महिलाएं सक्षम हों. मुझे लगता है कि सरकार को उन महिलाओं से दिक्कत है जो सवाल उठाती हैं.”
इससे पहले स्वाति मालीवाल ने X पर पोस्ट कर कहा, “जबसे मैंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया है, तब से दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अफ़सरों ने आयोग के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. पिछले 6 महीने से किसी को सैलरी नहीं दी गई है, बजट 28.5 प्रतिशत कम कर दिया है, 181 हेल्पलाइन वापिस ले ली गई है और अध्यक्ष और 2 मेम्बर की पोस्ट भरने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. दलित मेम्बर की पोस्ट 1.5 साल से ख़ाली पड़ी है! मेरे जाते ही हर संभव कोशिश की जा रही है महिला आयोग को फिर से एक कमज़ोर संस्थान बनाने की. महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है? मैंने अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिखके उनसे जवाब मांगा है.”