पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में हुए अग्निकांड में दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है जिसमें 81 गवाहों के बयान दर्ज हैं. इस मामले में बेबी केयर सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर नवीन खीची और डॉक्टर आकाश को आरोपी बनाया गया है. 25 मई को बेबी केयर सेंटर में लगी आग में सात बच्चों की मौत हो गई थी.
2 महीने बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 796 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. कोर्ट ने सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख तय की है. दिल्ली पुलिस ने धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या, 308 यानी गैर इरादतन हत्या की कोशिश और जेजे एक्ट की धारा के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. हादसे के अगले दिन यानी 26 में को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन खींची को गिरफ्तार किया था जबकि 27 मई को डॉक्टर आकाश की गिरफ्तारी हुई थी.
चार्जशीट में डॉक्टर और मालिक पर गंभीर आरोप
सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में कई बातों का जिक्र किया गया है. कहा गया है कि हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर ने हादसे के तुरंत बाद न तो पुलिस को और न ही फायर डिपार्टमेंट को जानकारी दी जिसके कारण बचाव में करीब 30 मिनट की देरी हो गई. पुलिस के मुताबिक हॉस्पिटल में उचित डिग्री धारक डॉक्टर, नर्सों की ड्यूटी नही थी.
चार्जशीट में कहा गया है कि बेबी केयर सेंटर को पांच बेड की मंजूरी थी लेकिन यहां 12 बेड चल रहे थे. इतना ही नहीं ऑक्सीजन सिलेंडर भी जितने होने चाहिए थे वो नहीं थे और जो थे वो सुरक्षित नहीं थे. इसकी वजह से ही उनमें ब्लास्ट हुआ था. केस की सुनवाई कड़कड़डूमा कोर्ट में 2 अगस्त को होनी है.
अस्पताल के पास नहीं थी एनओसी
विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल के संचालकों ने दिल्ली फायर डिपार्टमेंट से एनओसी नहीं ली थी और इसके बिना ही अस्पताल चला रहे थे. इस बेबी केयर सेंटर में कोई इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं था और न ही आग बुझाने के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स. आजतक को सबसे बड़ी बात यह पता चली है कि इस अस्पताल में जो डॉक्टर्स थे, वे बच्चों का इलाज करने के लिए क्वालिफाइड भी नहीं थे. इस सेंटर में एक दिन का एडमिशन चार्ज 12 से 15 हजार रुपये था.