जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में साबरमती फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर बड़ा हंगामा हो गया है. फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में पोस्टर फाड़े गए. मिली जानकारी के अनुसार, साबरमति फिल्म का पोस्टर फाड़ने के बाद पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई है.
दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल ही में रिलीज हुई विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग कराई जा रही थी. इसी दौरान इसका विरोध हुआ और पोस्टर फाड़े गए.
#WATCH | Update | Delhi | As per the reports, stones were pelted at the screening of the film 'The Sabarmati Report' in the Jawaharlal Nehru University campus. https://t.co/GIbtRGB5ZY pic.twitter.com/pe8UX75jPy
— ANI (@ANI) December 12, 2024
एबीवीपी के छात्रों द्वारा आरोप लगाया कि यह पथराव लेफ्ट के छात्रों द्वारा किया गया है. इस घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में तनाव है. बता दें कि विक्रांत मैसी की यह फिल्म हाल में ही रिलीज हुई थी और यह फिल्फ काफी चर्चा में है. यह फिल्म 2002 के गोधरा कांड की पृष्ठभूमि में बनाई गई है और इसमें कई सामाजिक मुद्दे भी उठाए गए हैं.
#WATCH | Delhi | Secretary, ABVP-JNU, Shikha Swaraj says, "A screening of the film 'The Sabarmati Report' was organised by ABVP at the Sabarmati Dhaba (in JNU campus). During that time, we witnessed the stones being pelted from the terrace or maybe the balcony of the Dhaba. Those… pic.twitter.com/0pvxxBjsws
— ANI (@ANI) December 12, 2024
रिलीज होने के बाद से सुर्खियोंं में है फिल्म
फिल्म रिलीज होने के बाद से ही विवादों में है. कुछ लोगों ने फिल्म को एकतरफा बताया है तो कुछ लोगों ने इसकी तारीफ की है, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री घोषित कर दिया है. बीजेपी के कई नेताओं ने इस फिल्म को देखी है और इस फिल्म की काफी प्रशंसा की है. कई राज्यों में बीजेपी नेताओं ने फिल्म देखने गए और बीजेपी नेताओं को फिल्म दिखाने की व्यवस्था भी की गई है.
हाल में ही रिलीज हुई है ‘द साबरमती रिपोर्ट’
धीरज सरना द्वारा निर्देशित और राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा अभिनीत साबरमती रिपोर्ट, 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने की घटना की पृष्ठभूमि में बनाई गई है. इसमें एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के बाद अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. फिल्म का निर्माण एकता कपूर ने किया है. यह फिल्म एक पत्रकार की कहानी बयां करती है, तो सच्चाई उजागर करने की कोशिश कर रहा है.