दिल्ली (Delhi) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक व्यक्ति को अमेरिकी महिला से 3.3 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी 22 जुलाई, 2024 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हुई. मामला तब शुरू हुआ, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अमेरिकी नागरिक को धोखा देने के आरोप में कई व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की.
आरोपी ने कथित तौर पर अमेरिका की एक पीड़िता महिला से संपर्क किया और उसे अपने इन्वेस्टमेंट्स को बैंक अकाउंट से क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लिया. जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने महिला से कहा कि उसका करेंट अकाउंट असुरक्षित है.
उसने महिला के कंप्यूटर अनऑथराइज्ट एक्सेस लिया और उसके नाम पर एक क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट खोला. इसके बाद आरोपी ने महिला को इस अकाउंट में 400,000 अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर करने के लिए राजी किया. जब पीड़िता ने बाद में जांच की, तो उसने पाया कि उसके पैसे गायब हो गए थे.
ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल हुए क्रिप्टो वॉलेट
ईडी की जांच से पता चला है कि चुराए गए पैसे को कई क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के जरिए ट्रांसफर किया गया और उसके बाद इंडियन करेंसी में बदला गया है. फिर इस पैसे को पेमेंट एग्रीगेटर्स के जरिए डमी संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा रखे गए कई बैंक खातों में बांटा गया है. 6 जून 2024 को ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाया और मामले से जुड़े डिजिटल एविडेंस जुटाए. जिन लोगों के वॉलेट का इस्तेमाल लेन-देन में हुआ था, उनके बयान भी दर्ज किए गए.
साक्ष्यों से पता चला कि लक्ष्य विज नाम के एक क्रिप्टोकरेंसी हैंडलर ने ही मुख्य रूप से व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग करके ट्रांसफर का निर्देश दिया था. आरोपी विज को घोटाले में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. उसे 23 जुलाई को नई दिल्ली में विशेष न्यायालय (PMLA) के समक्ष पेश किया गया और कोर्ट ने आगे की जांच के लिए ईडी को पांच दिन की हिरासत दी.